पुलिस बंधक मामले पर बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने ऊना:27 जुलाई को जिले के नगर परिषद संतोषगढ़ में पुलिस कर्मचारियों को सट्टा माफिया ने एक दुकान के अंदर बंधक बना लिया था. जिसको लेकर अब प्रदेश की सियासत गरम है. मामले को लेकर भाजपा के विरोध प्रदर्शन करने के महज दो घंटे के भीतर ही कांग्रेस भी अब खुलकर मैदान में आ गई है. कांग्रेस ने पूर्व की भाजपा सरकार में माफिया राज होने का आरोप लगाया है.
बता दें कि पुलिसकर्मियों को सट्टा माफिया द्वारा बंधक बनाए जाने के विरोध में भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने बीते दिन कांग्रेस सरकार पर माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप लगाए थे. जिसको लेकर आज सुबह उन्होंने सैकड़ों कार्यकर्ताओं को साथ शहर में धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान ऊना विधायक सतपाल सिंह सत्ती भी धरना प्रदर्शन में शामिल हुए. विधायक सतपाल की अगुवाई में विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा ने विधानसभा क्षेत्र में सरकार पर माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया.
विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कहा पिछले 7 महीने में 7 प्रकार का माफिया प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्र में दनदनाता फिर रहा है. हालत यह है कि उनके अपने विधानसभा क्षेत्र में सट्टा माफिया, चिट्टा माफिया, दवाई माफिया, गुंडा माफिया, तबादला माफिया, शराब माफिया और खनन माफिया के लोग कांग्रेस नेताओं के संरक्षण में अनैतिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. माफिया को सरकारी संरक्षण का यह परिणाम है कि पिछले 7 महीने में विधानसभा क्षेत्र के अंदर चार बड़ी वारदातें सामने आ चुकी है. इन वारदातों में भी पुलिस ने केवल पीड़ितों को ही दबाने का काम किया है.
उन्होंने कहा अब तो माफियाओं ने पुलिस को ही बंधक बनाने का काम शुरू कर दिया है. ईमानदार पुलिस कर्मचारियों को भी माफिया के हाथों की कठपुतली बनने को मजबूर किया जा रहा है. पुलिस विभाग में कई ऐसे लोगों को थाने और चौकियों में बिठा दिया गया है, जो कार्रवाई के मामले में शून्य हैं, लेकिन कई अन्य अनैतिक गतिविधियों में अपनी हिस्सेदारी बराबर वसूल कर रहे हैं. उन्होंने कहा वह उम्मीद करते हैं कि जिला पुलिस इस मामले में कड़ी कार्रवाई अमल में लाएगी. वहीं हिमाचल प्रदेश पुलिस के प्रमुख डीजीपी संजय कुंडू जल्द इस मामले में बयान जारी करेंगे. जनता को यह बताया जाएगा कि पुलिस कर्मचारियों को बंधक बनाने के पीछे किन लोगों का हाथ है? वहीं प्रदेश भाजपा सचिव सुमीत शर्मा ने भी माफिया मामले को लेकर सरकार पर जमकर बरसे.
वहीं, मामले में भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ऊना के अध्यक्ष रविंद्र सहोड़ ने भाजपा द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के महज 2 घंटे के भीतर ही मोर्चा संभालते हुए पत्रकार वार्ता की. इस दौरान उन्होंने भाजपा द्वारा माफिया के खिलाफ किए गए प्रदर्शन का उन्होंने जवाब दिया. उन्होंने कहा वर्तमान सरकार के कार्यकाल में माफिया पर पूरी तरह लगाम कसी गई है. हर तरह के माफिया के खिलाफ प्रदेश की पुलिस बखूबी कार्रवाई को अंजाम दे रही है. यही कारण है कि भाजपा के विधायक बुरी तरह बौखला चुके हैं.
उन्होंने कहा पूर्व में भाजपा सरकार के समय खनन माफिया किस कदर नदी नालों को छलनी करता रहा, यह किसी से छुपा नहीं है. भाजपा सरकार के समय नेताओं के दबाव के चलते गुंडागर्दी का नंगा नाच चलता रहा, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी बैठी रही. आज जब पुलिस कार्रवाई कर रही है तो भाजपा नेता बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. विधायक अनाप-शनाप बयानबाजी करने से पहले सोच लिया करें, अन्यथा कांग्रेसी उनके घर का घेराव करने से भी गुरेज नहीं करेंगे. कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय खनन माफिया सरेआम गोलियां चलाता रहा, लेकिन न तो उस वक्त सरकार को उनकी गूंज सुनाई दी और न ही पुलिस ने उन पर ध्यान दिया.
उन्होंने कहा कि जिस अस्पताल में दवाई माफिया के होने का दावा विधायक कर रहे हैं, उसी अस्पताल में पूर्व सरकार के समय लोगों की फाइल अप्रूव करवाने के लिए दलाल बैठे रहते थे. ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा भाजपा नेताओं के परिवारों के लोग ड्रग्स माफिया के साथ हाथों में हाथ लिए घूमते रहे. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा भाजपा के विधायक को केवल मात्र राजनीतिक सुर्खियां बटोरने के लिए आधारहीन बयान नहीं देने चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस विकास का दावा भाजपा करती है, विधायक बताएं कि पूर्व सरकार के समय कहां 2500 करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए.
क्या था पूरा मामला: दरअसल 27 जुलाई को जिला पुलिस को नगर परिषद संतोषगढ़ के पंजाब से सटे क्षेत्र में एक दुकान के भीतर सट्टा माफिया का कारोबार चलाए जाने की सूचना मिली. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने टीम का गठन करते हुए सट्टा कारोबार से जुड़े लोगों को दबोचने का प्लान तैयार किया. जिसके तहत महिला हेड कांस्टेबल पूनम कुमारी और कांस्टेबल मोहित सट्टा माफिया के अड्डे पर पहुंचे. जब दोनों पुलिसकर्मी अंदर मौजूद राहुल हंस, विनोद कुमार और संजीव कुमार नाम के तीन लोगों से बातचीत कर ही रहे थे. उसी दौरान पंजाब के रोपड़ जिला के तहत नंगल तहसील के मौजोवाल गांव के रहने वाले गुरदीप और संतोषगढ़ नगर परिषद के निवासी शिवांशु सोनी उर्फ सुधांशु अंदर आ धमके.
उन्होंने पुलिस कर्मचारियों पर फर्जी पुलिस होने का आरोप लगाते हुए बहसबाजी शुरू कर दी. महिला हेड कांस्टेबल पूनम ने जब अपना पहचान पत्र, उन्हें दिखाया तो वह तुरंत दुकान के बाहर निकले और दुकान का शटर गिरा कर उस पर ताला जड़ दिया. अपने आपको दुकान में बंधक बना देख पुलिस कर्मचारियों ने फौरन पुलिस अधिकारियों से संपर्क करते हुए मामले की जानकारी दी. संतोषगढ़ पुलिस चौकी से फौरन एक टीम मौके पर पहुंची और बंधक बनाए गए पुलिस कर्मचारियों को अंदर से बाहर निकाला.
महिला हेड कांस्टेबल ने बताया कि करीब 20 मिनट तक उन्हें उस दुकान के अंदर बंद करके रखा गया. जबकि मामले की सूचना मिलते ही जिला पुलिस कप्तान अर्जित सेन ठाकुर भी तुरंत घटनास्थल पर जा पहुंचे. पुलिस ने इस घटना के संबंध में दोनों आरोपियों गुरदीप कुमार और शिवांशु सोनी और सुधांशु के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, 186 और 34 के तहत केस दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी. हालांकि, दोनों आरोपियों की उसी दिन जमानत भी हो गई.
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