ऊना: कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने जाने के बाद किशन कपूर की निगाह अब धर्मशाला उपचुनाव पर है. उपचुनाव में बेटे की दावेदारी को लेकर किशन कपूर ने कहा किसी का रिश्तेदार होना गुनाह नहीं फील्ड में काम करने वाले को ही टिकट मिलेगा.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 और 35A हटाये जाने के बाद संसद में हिमाचल से धारा-118 हटाए जाने को लेकर ओवैसी और सुखबीर बादल के बयानों पर सांसद किशन कपूर ने कहा कि अनुच्छेद-370 और धारा-118 में दिन रात का अंतर है.
अनुच्छेद-370 और धारा-118 पर बोले किशन कपूर. पढ़ेंः जयराम सरकार ने फिर बदले 20 अफसर, आधी रात 14 IAS और 6 HAS अफसर इधर-उधर
कपूर ने कहा कि ओवैसी कांग्रेस की भाषा बोलते हैं. वहीं, अपने ही गठबंधन वाले अकाली दल के सुखबीर बादल के बयान पर कपूर कुछ भी कहने से बचते रहे. कपूर ने कहा कि हिमाचल में नौकरी करने वालों और लंबे समय तक हिमाचल में रहने वालों को घर बनाने के लिए धारा-118 की अनुमति के बाद भूमि मिल जाती है.
कपूर ने कहा कि सरकारों ने भी निवेश को आकर्षित करने के लिए समय समय पर 118 में संशोधन भी किये है, लेकिन कश्मीर और हिमाचल को एक साथ जोड़ना उचित नहीं है.
बेटे को टिकट दिए जाने पर क्या बोले किशन कपूर?
किशन कपूर के सांसद बनने के बाद खाली हुई धर्मशाला विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बेटे की उम्मीदवारी पर सीधे तौर पर तो किशन कपूर कुछ नहीं बोले, लेकिन इशारों-इशारों में बहुत कुछ कह गए.
कपूर ने कहा कि किसी का रिश्तेदार होना कोई गुनाह नहीं है अगर कोई फील्ड में काम करता होगा और मैरिट के आधार पर कोई आगे बढ़ता है तो उसके कदम कैसे रोके जा सकते हैं.
धर्मशाला से बेटे को टिकट दिए जाने पर बोले किशन कपूर. जयराम सरकार पर अफसर शाही हावी होने के लग रहे आरोपो को सांसद ने कांग्रेस का शिगूफा बताया. कपूर ने कहा कि प्रदेश की जयराम सरकार बहुत बढ़िया काम कर रही है. कपूर ने कहा कि सर्वे में जयराम ठाकुर देश में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं.
वहीं, कपूर ने भाजपा के बीच चल रही अंदरूनी खींचतान पर भी अपनी बात रखी. रमेश ध्वाला और इंदु गोस्वामी के जरिये खुलकर सामने आई भाजपा की लड़ाई को किशन कपूर ने हल्का मतभेद बताया और शीघ्र ही इसके सुलझने की बात भी कही.
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