सोलन:देशभर में कोरोना से मचे हड़कंप से उभरने के लिए हर कोई आगे आकर प्रयास कर रहा है. कोई गांव में नाके लगा रहा है तो कोई पंचायत को खुद ही सेनेटाइज कर रहा है. वहीं, कुछ दानवीर आगे आकर कोरोना रिलीफ फंड में दान भी कर रहे हैं. कहते हैं अच्छाई करने के लिये सोच की नहीं संस्कार की जरूरत होती है.
ऐसा ही कुछ देखने को मिला जिला सोलन में जहां स्कूल में पढ़ने वाली दो नन्ही परियों ने अपने गुल्लक में जमा की साल भर की जमाराशि को कोविड रिलीफ फंड में दे दिया. उपमंडल के देहा बलसन के गांव बड़ोग की 2 नन्हीं परियों ने आज अपनी जमा पूंजी कोविड फंड के लिए दान कर दी.
राजश्री और अविभा नाम की इन बेटियां ने लगभग एक साल से गुल्लक में पैसे एकत्र किए थे. इन्होंने अपने अभिभावकों की मौजूदगी में यह गुल्लक अतिरिक्त उपायुक्त सोलन विवेक चंदेल के माध्यम से कोविड फंड के लिए दान किया.
इस दौरान विवेक चंदेल ने भी दोनों बेटियों की सराहना की और कहा कि गुल्लक में जितने भी पैसे कोई बात नहीं बल्कि जो दान देने की भावना है वो असली संस्कार है. इसके लिए उन्होंने अभिभावकों को भी बधाई दी. दोनों बच्चियां सोलन के गुलमोहर स्कूल में पढ़ती हैं.
वहीं, राजश्री का कहना है कि आज पूरी दुनिया पुरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है. हमें एक साथ रहकर इस जंग से लड़ना है. राजश्री ने बताया कि वो हर साल अपना गुल्लक जमा करती हैं और अपने और अपनी बहन के लिए कुछ ना कुछ साल के अंत में लेती हैं, लेकिन इस बार कोरोना के खौफ को देखते हुए उन्होंने अपने गुल्लक में जमा सारे पैसे कोविड रिलीफ फंड के लिए सोलन प्रशासन को दे दिए.
ना बच्चों को ये पता है कि गुल्लक में कितने पैसे हैं और ना ही प्रशासन को, लेकिन राजश्री और अविभा के इस कदम की हर कोई सराहना कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें-हिमाचल कैबिनेट की बैठक आज : पेट्रोल-डीजल, सीमेंट, बिजली हो सकते हैं महंगे