सोलन: हिमाचल के किले सीरिज में अब तक हम आपको बहुत सी ऐतिहासिक धरोहरों से रूबरू करवा चुके हैं जो अपने अंदर इतिहास को संजोए हुए है. आज हम आपको जिस ऐतिहासिक धरोहर के बारे में बताने जा रहे हैं वो है जिला सोलन का रामशहर किला जिसका निर्माण राजा राम चंद ने अपने शौक के चलते करवाया था.
दरअसल हंडूर रियासत के राजा विक्रम चंद जोकि साल1477 से 1492 तक गद्दी पर रहे, तब नालागढ़ की बुनियाद रखी गई और नालागढ़ को रियासत की राजधानी बनाया गया. राजा विक्रम चंद की मृत्यु के बाद राजा केदार चंद, राजा जय चंद और फिर राजा नारायण चंद गद्दी पर बैठे. राजा नारायण चंद के देहांत के बाद उनके बेटे राजा राम चंद को गद्दी दी गई.
राजा राम चंद को कला और वास्तुकला (तामीरत) का बहुत शौक था, इसलिए उन्होंने रामगढ़ के मशहूर किले का निर्माण (तामीर) करवाया था. राजा राम चंद के देहांत के बाद राजा संसार चंद ने गद्दी संभाली. साल 1675 को संसार चंद के बेटे राजा धर्म चंद ने सत्ता की कमान संभाली. इसके बाद 1742 में सिरमौर रियासत की लड़ाई भी हुई जिसमें राजा धर्म चंद के भाई की युद्ध में मौत हो गई. राजा धर्म चंद के बाद भी कई राजाओं ने यहां राज पाठ संभाला. साल 1842 को बसंत पंचमी के दिन राजा राम सरण को गद्दी पर बैठाया गया.
राजा राम सरन ने रामशहर में 1 जोड़ को तालाब बनवाया जिसमें रिवालसर झील की तरह पांच टीले पानी में तैरते थे, इस तालाब के साथ ही सखड़ी देवी माता का मंदिर है जोकि राजा ईश्वरी सिंह द्वारा स्थापित करवाया गया था. माता को हंडूर के लोग सती माता के नाम से पूजते हैं. माता के मंदिर के बिल्कुल साथ बना ये तालाब आज भी मौजूद है और इसके पानी से नहाने मात्र ही चर्म रोग जैसी बीमारियां भी खत्म हो जाती है, लेकिन हिमाचल सरकार और नालागढ़ प्रशासन की लापरवाही के चलते आज ये तालाब अपनी पहचान खो चुका है.
रामशहर किला नालागढ़ से 10 मील की दूरी पर स्थित है. इस शहर में किसी समय बहुत रौनक हुआ करती थी और 300 के करीब दुकानें हुआ करती थीं. किले में एक दरवाजा बनाया गया है जिसका नाम नालागढ़ गेट है और यहां खड़े होकर नालागढ़ का पूरा नजारा देखा जा सकता है. किले में आज भी पुरानी कैदियों की जेल मौजूद है. साथ ही किले में भंडार ग्रह के लिये राजा द्वारा पांच कुऐं भी बनवाये गये थे जिसमें राजा अपना राशन और अन्य सामग्री रखते थे. किले में रानियों के लिये स्नान ग्रह भी बनवाये गये थे. साथ ही किले के मुख्य द्वार के दरवाजे पर हाथी दांतों से की गई कलाकारी आज भी देखी जा सकती है.
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