सोलन: बाहरी राज्यों से सैलानियों व स्थायी रूप से आशियाना ढूंढने वाले लोगों के लिए सोलन एक पंसदीदा शहर बनता जा रहा है. बीते कुछ सालों में सोलन की वादियों व वातावरण ने पर्यटकों को बहुत आकर्षित किया है. आलम ये है कि हिमाचल के शिमला व कसौली पर्यटक स्थलों को सोलन अब तेजी से पछाड़ता नजर आ रहा है.
मोहन शक्ति हेरिटेज पार्क (हरठ)
सोलन के अश्वनी खड में मोहन शक्ति हेरिटेज पार्क (हरठ) जो नदी किनारे बना है, पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बिंदु बन चुका है. यहां आये दिन पर्यटकों की आवाजाही बढ़ती जा रही है.
जानिए यहां की खास बातें:
मोहन शक्ति हेरिटेज पार्क एक आगामी विरासत पार्क है. जिसका उद्देश्य वैदिक विज्ञान का अध्ययन करना और वेदों और प्राचीन भारतीय संस्कृति के निष्कर्षों के बारे में युवा पीढ़ी को शिक्षित करना है.
ऐसे पहुंचे हेरिटेज पार्क:
राष्ट्रीय धरोहर पार्क हिमाचल प्रदेश में सोलन ब्रूरी से कालका और शिमला 7 किलोमीटर के बीच नेशनल हाइवे 22 पर शक्ति स्थल पर स्थित है. शक्तिस्थल पर सलोगड़ा से अश्विनी खुड तक डायवर्जन लेना पड़ता है. ये पार्क शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग से 7 किलोमीटर की दूरी पर 'हर्ट विलेज' में स्थित है.
जटोली शिव मंदिर
सोलन का जटोली मन्दिर एशिया में शिव भगवान का सबसे ऊंचा मन्दिर है. दक्षिण भारत की कलात्मक शैली से से निर्मित शिव मंदिर में देश-विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं.
मंदिर से जुड़ी खास बातें:
जटोली मंदिर में हर महाशिवरात्रि को भारी संख्या में शिव भक्त उमड़ते हैं. मंदिर दक्षिण-द्रविड़ शैली से बना है. मंदिर को बनने में ही करीब 39 साल का समय लगा.
सोलन शहर से करीब सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित जटोली मंदिर को लेकर मान्यता है कि पौराणिक समय में भगवान शिव यहां आए थे और कुछ समय यहां बिताया था. कहा जाता है कि जटोली मंदिर में सिद्ध बाबा स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने यहां आकर तपस्या की थी. उनके मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश पर ही जटोली शिव मंदिर का निर्माण शुरू हुआ.
जनता के पैसे से ही हुआ है जटोली मंदिर का निर्माण
मंदिर से जुड़ी एक और खास बात ये भी है कि करोड़ों रुपये की लागत से बने इस मंदिर का निर्माण जनता द्वारा दान दिए गए पैसे से ही हुआ है. यही वजह है कि मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने में ही तीन दशक से भी अधिक का समय लग गया.
सोलन के फेमस टूरिस्ट स्पॉट्स मंदिर देश की दक्षिण शैली के आधार पर बनाया गया है. मंदिर में कला और संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिलता है. मंदिर की ऊंचाई 111 फुट है और भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार यह मंदिर एशिया के सबसे ऊंचे मंदिरों में शामिल है.
मंदिर के चारों तरफ विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं जबकि मंदिर के अंदर स्फटिक मणि शिवलिंग की स्थापना के साथ भगवान शिव व पार्वती मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं. मंदिर के बिलकुल ऊपरी छोर पर 11 फुट ऊंचे विशाल सोने के कलश की स्थापना की गई है.
ऐसे पहुंचे जटोली मंदिर:
सोलन से राजगढ़ रोड होते हुए जटोली मंदिर पहुंचा जा सकता है. सड़क से करीब 100 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर पहुंचा जाता है. मंदिर में दाईं ओर भगवान शिव की मूर्ति स्थापित है. इसके 200 मीटर की दूरी पर शिवलिंग है. यहां के लिए बस सुविधा उपलब्ध है. इसके अलावा टैक्सी और ऑटो से भी यहां पहुंचा जा सकता है.
सोलन में जटोली मंदिर, हरठ, काली का टिब्बा, नौणी विश्वविद्यालय व अन्य कई स्थानों ऐसे स्थान है जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. इसके अलावा सोलन में चिकित्सीय सुविधाएं अन्य पर्यटक स्थलों की अपेक्षा ज्यादा पार्किंग स्थान, एक जैसा सुहावना तापमान, खरीदारी करने के लिए बड़ा बाजार व शैक्षणिक हब जैसी अनेक सुविधाएं हैं जो कि अन्य पर्यटक स्थलों से इसे अलग और बेहतर बनाती हैं.
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