सोलन: धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोलन के लिए एक उम्मीद की किरण लेकर आया है. सोलन को नगर निगम बनाए जाने की अटकलों के बाद सोलन वासियों में खुशी का माहौल है. पहले सोलन की जगह पालमपुर को नगर निगम बनाए जाने की चर्चा थी. इससे सोलनवासी कुछ मायूस हो गए थे, लेकिन विधानसभा में सरकार और शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी के दिए संकेतों से लोगों में नई उम्मीद जगी है.
बता दें कि तपोवन में शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी ने कहा था कि सोलन सबसे बड़ा शहर है. सोलन में 1960 में नगर पंचायत बनी थी. नगर निगम के लिए जितनी जनसंख्या चाहिए वह भी पूरी है.
शीतकालीन सत्र से सोलन वापस लौटे स्थानीय विधायक कर्नल धनीराम ने कहा कि जो वादा उन्होंने किया था उसे पूरा करके दिखाया है. उन्होंने कहा कि सोलन में नगर निगम बनने का रास्ता साफ हो गया है. विधायक कर्नल धनीराम शांडिल ने संभावना जताई कि नए साल में सोलन को नगर निगम का तोहफा मिल सकता है. साथ ही अगली होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग सकती है.
सोलन शहर को नगर निगम बनाने की कवायद 15 साल पुरानी है, लेकिन आजतक सोलन शहर को नगर निगम का दर्जा नहीं मिल पाया. सरकार कांग्रेस की हो या भाजपा की हमेशा सोलन वासियों को दिलासे ही मिले. वहीं, धर्मशाला शीतकालीन सत्र के बाद सोलन वासियों में एक उम्मीद फिर से जागी है. बता दें कि वर्तमान में सोलन की जनसंख्या करीब 60 हजार है, जबकि नगर निगम बनाने के लिए शहर की जनसंख्या 50 हजार होनी चाहिए.
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