सोलन:एक साल बाद फिर सोलन के समीप शमलेच सुरंग को यातायात के लिए खोल दिया गया है. सोलन परवाणू फोरलेन पर बनी इस सुरंग को जोड़ने वाली सड़क का एक हिस्सा पिछले साल धंस चुका था, लेकिन अब इंजीनियरों ने रेस फोर्स स्वाईल तकनीक से दोबारा से यहां डंगा लगाया गया है. इस सुरंग की लंबाई एक किलोमीटर है. सुरंग खुलने से सोलन से कुम्हारहट्टी की दूरी साढ़े तीन किलोमीटर कम हो जाती है.
सोलन परवाणू फोरलेन का निर्माण ग्रिल कंपनी द्वारा किया गया है. सोलन के निकट शमलेच गांव के पाल कंपनी के इंजीयिनरों ने एक सुरंग का निर्माण किया है. इससे सुरंग के निर्माण से सोलन से कुम्मारहट्टी की दूरी साढ़े तीन किलोमीटर कम हो जाती है. सुरंग से चंडीगढ़ के लिए एकतरफा यातायात रखा गया था. पिछले साल शमलेच के पास सुरंग को जोड़ने वाली फोरलेन का एक हिस्सा जमीन धंस जाने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था. करीब तीन सौ मीटर का हिस्सा डंगे समेत धंस गया था. जिसकी वजह से सुरंग से यातायात बंद हो गया था.
एक साल के अंतराल के बाद सुरंग को अब यायातात के खोल दिया गया है. कंपनी के इंजीनियरों ने धंसी जमीन के ऊपर रेस फोर्स स्वाईल टैकनीक से दोबारा दीवार (डंगा) लगाई है. रेस फोर्स स्वाईल टैकनीक एक ऐसी तकनीक है, जिसमें बारिश का पानी डंगे की नींव को कोई प्रभाव नहीं डाल सकता है.
सोलन पुलिस के ट्रैफिक डीएसपी भीष्म सिंह ने मौका का जायजा लिया और सुंरग से ट्रैफिक का बहाल करने की जानकारी मीडिया को दी. इस सुरंग के दोबारा से चलने से अब लोग सोलन से कुम्मारहट्टी बहुत कम समय में पहुंच जाएंगे. गौरतलब है कि सुरंग के निर्माण पर एक सौ करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है.
इसकी लंबाई साढ़े तीन किलोमीटर है, लेकिन सोलन से परवाणू फोरलेन के उद्घाटन के महज एक साल के भीतर ही सुरंग को जोड़ने वाली सड़क का एक बहुत बड़ा हिस्सा गिरने से सड़क निर्माण में लाई गई सामग्री पर सवाल खड़े हो गए थे. अब इंजीनियरों ने रेस फोर्स स्वाईल टैकनीक का उपयोग किया है. इसमें क्रेट्स वायर का भी इस्तेमाल किया है. अब देखना है कि यह नई तकनीक कितनी कारगर साबित होती है.
सोलन परवाणू फोरलेन दो दिनों से बंद:सोलन से परवाणू फोरलेन धर्मपुर के निकट चक्की मोड़ के पास भारी भूस्खलन के कारण दो दिन से बंद पड़ा है, लेकिन वाहनों की आवाजाही के लिए अलग-अलग वैकल्पिक मार्ग दिए गए हैं. चंडीगढ़ से शिमला जाने वाले छोटे वाहन परवाणू वाया कसौली धर्मपुर से जा रहे हैं. जबकि भारी वाहनों को चंडीगढ़ से शिमला के लिए काला अंब नाहन वाया कुम्मारहट्टी से भेजा जा रहा है. इसी तरह शिमला से चंडीगढ़ जाने वाले भारी वाहन कुनिहार, नालागढ़, पिंजौर मार्ग और सभी वाहनों को नाहन रोड से भेजा जा रहा है, लेकिन छोटे वाहनों को जोहड़जी कामली मार्ग से भी भेजा जा रहा है. एसपी सोलन गौरव सिंह ने बताया कि चक्की मोड़ पर एनएच पांच पर सड़क निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है.
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