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हादसों को न्यौता दे रहा कालका-शिमला NH-5, अभी तक एक दर्जन लोग हो चुके हैं शिकार - चेतावनी बोर्ड

कालका-शिमला एनएच 5 पर बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं. यहां फोरलेन कार्य के चलते लगाए जाने वाले डंगे भी दरकना शुरू हो गए हैं जिससे हादसों होने की आशंका बनी हुई है.

कालका-शिमला NH-5 पर भूस्खलन

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Published : Jul 8, 2019, 4:29 PM IST

सोलन: कालका-शिमला एनएच 5 पर बरसात के मौसम में सफर जोखिम भरा हो गया है. बारिश होने के कारण जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है.

कालका-शिमला NH-5 पर जाम

वहीं, फोरलेन कार्य के चलते लगाए जाने वाले डंगे भी दरकने शुरू हो गए हैं. आलम ये है कि हर रोज कहीं ना कहीं वाहन चालक हादसे का शिकार हो रहे हैं. चाहे गाड़ियां हो या बसें, सभी इसकी चपेट में आ रहे हैं.

कालका-शिमला NH-5 पर भूस्खलन

कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पर परवाणू से सोलन (चंबाघाट) तक फोरलेन का कार्य तेजी से चला हुआ है. बारिश के बाद हाई-वे पर दत्यार, तम्बुमोड, कोटी, जाबली, सनवारा और कुमारहट्टी बाईपास पर कई जगहों पर भारी मात्रा में पत्थर और मलबा सड़क पर गिर रहा है. हाई-वे पर भू-स्खलन होने से इन जगहों पर वाहनों के पहियों पर ब्रेक लग रही है.

कालका-शिमला NH-5 पर भूस्खलन

बारिश के बाद हाईवे पर हुए भूस्खलन से जाम की स्थिति बनी रही है. इस कारण लोगों को दो चार होना पड़ा है. पहाड़ियों के दरकने के कारण ऊपर बने मकानों पर ओर भी संकट के बादल मंडराने लगे गए हैं.

बारिश के बाद पहाड़ियों से हुए भूस्खलन से धर्मपुर में सीआरपीएफ बेस कैंप, कुमारहट्टी में आर्मी क्वाटर, पट्टा मोड़ स्थित आर्मी स्टोर अभी भी खतरे की जद्द में है. इसी के साथ चक्किमोड, तम्बुमोड, सनवारा के पास लगातार इन पहाड़ियों से मलबा गिरने की आशंका बनी हुई है.

कालका-शिमला NH-5 पर भूस्खलन

वन-वे चला है ट्रैफिक
लगातार मलबा सड़क पर आने के कारण कंपनी द्वारा अधिकतर हिल साइड वाली सड़क पर से वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई हुई है, ताकि पहाड़ी से मलबा आने पर किसी भी प्रकार की क्षति न हो सके.

फेल हो चुकी है स्प्रे तकनीक
कंपनी द्वारा पहाड़ों के दरकने के बाद रोकने के लिए स्टिच और स्प्रे तकनीक का प्रयोग किया था, लेकिन ये तकनीक पूरी तरह से फेल होती नजर आ रही है क्योंकि कई जगहों पर स्प्रे के बावजूद पहाड़ दरके हैं.

कालका-शिमला NH-5 पर भूस्खलन

तीन टीमें हैं तैनात
कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर परवाणू से सोलन (चंबाघाट) तक जगह-जगह चेतावनी बोर्ड लगे है. वहीं फोरलेन निर्माण कर रही जीआर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी द्वारा बरसात में गिर रहे पत्थरों की जानकारी देने के लिए तीन टीमों का गठन किया है जोकि लोगों को भी सुरक्षित यात्रा के लिए तैनात की गई है.

कालका-शिमला NH-5 पर भूस्खलन

फोरलेन में लगी जीआर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के मैनेजर राजीव पठानिया ने कहा कि हाइवे के दौरान काटे गए पहाड़ ही दरक रहे हैं. ये न दरके इसके लिए कंपनी जल्द नई तकनीक अपनाएगी जिसका प्रयोग बारिश में ही किया जाएगा. साथ ही लोगों की सुरक्षा के लिए तीन टीमों का गठन किया है जोकि दिन रात हाईवे पर तैनात रहेगी.

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