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फर्जी डिग्री मामला: कई राज्यों से जुड़े हैं फर्जी डिग्री के तार, जल्द हो सकते हैं नए खुलासे - साइबर एक्सपर्ट

हिमाचल प्रदेश में चल रहे छोटे छोटे इंस्टिट्यूट भी मानव भारती विवि के सम्पर्क में है. फर्जी डिग्री घोटाले को लेकर जल्द नए खुलासे हो सकते हैं.

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फर्जी डिग्री मामला

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Published : Mar 13, 2020, 8:18 PM IST

सोलन: देवभूमि हिमाचल में फर्जी डिग्री मामले को लेकर आए दिन नए-नए खुलासे देखने को मिल रहे हैं, अभी तक इस मामले में 2 गिरफ्तारियां सामने आ चुकी है वहीं मानव भारती यूनिवर्सिटी के संचालक राजकुमार राणा भूमिगत हो चुके हैं, एसआईटी उनकी तलाश कर रही है.

फर्जी डिग्री मामले के तार प्रदेश के साथ कई राज्यों से भी हैं जुड़े

एसपी सोलन अभिषेक यादव ने बताया कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे नए खुलासे सामने आते जा रहे हैं बहुत से लोग इस फर्जीवाड़े में जुड़े हुए हैं और प्रदेश के साथ-साथ दूसरे राज्यों के तार भी मानव भारती यूनिवर्सिटी के साथ जुड़े हुए हैं.

राज्यस्थान के बाद सोलन पुलिस ने धर्मशाला से बरामद किए अहम दस्तावेज

अभिषेक यादव ने बताया कि जैसे ही उन्हें सूचना मिली थी कि मानव भारती यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री बनाने और बेचने का कार्य चल रहा है, वैसे ही उन्हें वहां छापेमारी की. इस दौरान उन्हें कुछ अहम दस्तावेज मिले हैं. छानबीन के दौरान उन्होंने राजस्थान माउंट आबू में स्थापित माधव यूनिवर्सिटी में भी रेड की जहां से उन्हें कुछ अहम दस्तावेज मिले हैं, जिसके आधार पर छापेमारी की जा रही है, छानबीन के दौरान पाया गया कि धर्मशाला में निजी इंस्टिट्यूट में भी मानव भारती के तार जुड़े हुए थे.

वीडियो.

फर्जी डिग्री में फंसे मानव भारती विवि के दो हजार बच्चों के भविष्य पर संकट फर्जी डिग्री प्रकरण में घिरे मानव भारतीय विवि के करीब 2000 बच्चों का भविष्य संकट में है. यह छात्र विवि में संचालित विभिन्न कोर्सों में दाखिला ले चुके हैं, कई छात्र डिग्री पूरी होने के अंतिम पड़ाव पर है, ऐसे में इन बच्चों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि फर्जी डिग्री मामले में जो दोषी होंगे उनकी जांच की जाएगी जो निर्दोष होंगे उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है.

साइबर एक्सपर्ट की मदद से कम्प्यूटर खंगाल रही पुलिस

मानव भारती यूनिवर्सिटी ने फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ से बचने के लिए अपने सभी रिकॉर्ड को खत्म कर दिया था, लेकिन साइबर सेल की मदद से इन सभी रिकार्ड को खंगाला जा रहा है,उन्होंने कहा कि राज्यस्थान और धर्मशाला से बरामद दस्तावेजों को भी साइबर सेल की मदद से खंगाला जा रहा है.

अपनी ही यूनिवर्सिटी में संचालक और स्टूडेंट थे राणा

एसआईटी की छानबीन में पाया गया कि राजकुमार राणा मानव भारती यूनिवर्सिटी में संचालक भी थे और स्टूडेंट भी उन्होंने अपनी डिग्री वहीं से हासिल की है. राजकुमार राणा ने वर्ष 2010 में एचआईवी एड्स विषय पर शोध में पीएचडी की डिग्री मेघालय के एक निजी विश्वविद्यालय से हासिल की.

वर्ष 2016 में अपने ही विश्वविद्यालय में एलएलएम और पीएचडी की डिग्री हासिल की. यानी 2016 में राजकुमार राणा मानव भारती यूनिवर्सिटी के एमडी भी थे और इसी बीवी में बतौर छात्र पढ़ाई भी कर रहे थे।वहीं मानव भारती यूनिवर्सिटी की फैकेल्टी में आधे से ज्यादा लोग भी मानव भारती यूनिवर्सिटी से ही अपनी डिग्री हासिल कर चुके हैं.

राणा का परिवार ही कर रहा था मानव भारती और माधव यूनिवर्सिटी का संचालन

एसपी सोलन अभिषेक यादव ने बताया कि राजकुमार राणा का परिवार ही मानव भारती यूनिवर्सिटी और राजस्थान में चल रही माधव यूनिवर्सिटी को को संचालित कर रहा था, विश्वविद्यालय के चेयरमैन राजकुमार राणा थे उनकी पत्नी व बेटे को भी इसमें हिस्सेदार बताया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कहा कि छानबीन के दौरान और लोगों की तलाश जारी है और जल्द ही और लोगों को गिरफ्तार भी किया जाएगा.

राजस्थान से पुलिस को यह डिग्रियां

राज्यस्थान में छुपा कर रखी गई मानव भारती की डिग्रियों में पुलिस को बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, बीए, बीएससी, बीकॉम, बीबीए, बीसीए, एमटेक मास्टर एंड सोशल वर्क, एमएलएनएमसी, एमकॉम, जैसे प्रोविजनल सर्टिफिकेट भारी तादाद में बरामद हुए है, मानव भारती से राजस्थान भेजे गए दोनों कंप्यूटर भी पुलिस के हाथ लगे हैं इन कंप्यूटर में फर्जी डिग्री धारकों का रिकॉर्ड होने की संभावना भी जताई जा रही है.

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