सोलनः चायल के बाजार होटलों और पर्यटन व्यवसायी केंद्रों से गंदगी इकट्ठी करके आसपास के जंगलों व नालों में फेंकी जाती है. वहां से गंदगी बारिश के पानी से गांवों के जल स्रोतों तक पहुंच कर कई बार पीलिया जैसी बीमारी फैलने का कारण बन चुकी है. यही वजह है कि कई बार अश्वनी खड्ड से सोलन की पेयजल सप्लाई को बंद करना पड़ता है.
पर्यटन नगरी चायल में नहीं पहुंचा स्वच्छ भारत मिशन, जगह-जगह लगे हैं कूड़े के ढेर
चायल में कूड़ा संयंत्र न होने के कारण गंदगी बाजार से इकट्ठी करके आसपास जंगलों में फेंकी जाती है. यही गन्दगी के ढेर सीधे अश्वनी खड्ड में पहुंचते हैं और इसी प्रदूषित जल को ट्रीट करने के बाद सोलन शहर में उपयोग किया जाता है.
चायल में कूड़ा संयंत्र न होने के कारण बाजार में गंदगी
पर्यटन नगरी चायल में कूड़ा संयंत्र न होने के कारण गंदगी बाजार से इकट्ठी करके आसपास जंगलों में फेंकी जाती है. इससे यहां की प्राकृतिक सुंदरता को ग्रहण लग रहा है. प्रदूषित हो रही पर्यटन नगरी व समीपवर्ती क्षेत्र चायल में किए जा रहे पर्यटन विकास के सरकारी दावों की पोल खोल रही है.
इस समस्या से निपटने के लिए चायल में कूड़ा संयंत्र बनाने व उचित सीवरेज व्यवस्था करने की मांग चली आ रही है लेकिन इस मांग पर प्रशासन ने अभी तक अमल नहीं किया.
Last Updated : Jul 30, 2019, 8:35 AM IST