सोलन:सब्जी मंडी में लहसुन की सीजन की पहली खेप पहुंच चुकी है. मंडी के आढ़ती लहसुन को सुखाने में लगे है,ताकि इसे बाहर की मंडियों में भेजने का काम जल्द शुरू किया जाए. 3-4 दिनों में सब्जी मंडी में करीब 50 टन लहसुन पहुंच चुका है. किसानों को पिछले साल के मुकाबले इस साल अच्छे दाम मिल रहे हैं. लहसुन पर कोरोना का असर नही दिख रहा. किसानों को 60 से 65 रुपये किलो तक दाम मिल रहे है. शनिवार- रविवार को लहसुन की पहली खेप में 20-20 टन के दो ट्रक साउथ की मंडियों को भेजे गए. कुछ दिनों में साउथ की मंडियों प्रदेश के लहसुन बिकना शुरू हो जाएगा.
सोलन का लहुसन सॉउथ की मंडियों के लिए रवाना, किसानों को मिल रहे अच्छे दाम
शनिवार-रविवार को लहसुन की पहली खेप में 20-20 टन के दो ट्रक साउथ की मंडियों को भेजे गए. कुछ दिनों में साउथ की मंडियों प्रदेश के लहसुन बिकना शुरू हो जाएगा.जानकारी के मुताबिक अभी सिरमौर जिला से ही सब्जी मंडी में लहसुन की खेप पहुंची है.
जानकारी के मुताबिक अभी सिरमौर जिले से ही मंडी में लहसुन की खेप पहुंची है. स्थानीय लहसुन भी जल्द आने की उम्मीद है. सिरमौर में लहसुन की सबसे अधिक पैदावार होती है. कुल्लू में भी लहसुन की खेती की जाती है और सोलन और शिमला में भी इसी महीने लहुसन तैयार हो जाता है.कुछ दिनों में सभी जगहों से लहुसन की आवक शुरू हो जाएगी.
आढ़ती पदम सिंह पुंडीर ने बताया कि इस बार लहसुन की फसल बारिश होने से अच्छी हुई. बंपर पैदावार होने से इस बार किसानों को अच्छी कीमत मिलेगी. उन्होंने बताया कि लहसुन की पहली खेप पिछले दिनों सब्जी मंडी में पहुंच चुकी है. साउथ की मंडियों के लिए भी 40 टन लहसुन भेजा जा चुका है. उन्होंने बताया कि अभी भी अधिकतर साउथ की मंडिया बंद है, लेकिन हिमाचल के लहसुन की मांग आने वाले दिनों में बढ़ने की संभावना दिख रही है.
विदेशों मे भी जाता लहसुन
सोलन का लहसुन देश नहीं विदेश में भी जाता है. पिछले साल श्रीलंका और बांग्लादेश गया था. इस बार चीन का लहसुन नहीं पहुंचने के कारण देश से लहुसन जाने की संभावना ज्यादा है.वहीं, देश में लहुसन केरल,कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु के अलावा त्रिपुरा,सिक्किम आदि जगहों पर जाता है.