सोलन:हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी नहीं होने से सभी लोग परेशान हैं. न तो पर्यटक हिमाचल का रुख कर पा रहे हैं और न ही फसलों के लिए मौसम अनुकूल है. बारिश और बर्फबारी न होने से सबसे ज्यादा परेशान इन दिनों किसान और बागवान हैं. क्योंकि नए पौधे चाहे वो स्टोन फ्रूट्स के हो या फिर सेब के उन्हें लगाने के लिए अभी किसान और बागवानों को इंतजार करना पड़ रहा है. किसान और बागवानों बड़ी बेसब्री से बारिश और बर्फबारी का इंतजार कर रहे है.
इन दिनों डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी परिसर और विश्वविद्यालय के अन्य केंद्रों पर सेब सहित स्टोन फ्रूट के पौधे की बिक्री की जा रही है, लेकिन बारिश और बर्फबारी नहीं होने से किसान बागवान सेब के पौधे लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. सभी बिक्री केंद्रों पर अभी सिर्फ 50% ही सेब के पौधों को किसान और बागवानों ने खरीदा है. जबकि अभी तक विश्वविद्यालय यह अनुमान लगा रहा था कि सभी पौधों की बिक्री हो जाएगी.
समय से बारिश और बर्फबारी न होने के चलते किसान और बागवान इन पौधों को लेने से डर रहे हैं. उन्हें डर सता रहा है कि अगर बारिश-बर्फबारी समय से नहीं हुई तो उनके लिए हुए पौधे खराब हो जायेंगे. बता दें कि नौणी विश्वविद्यालय द्वारा इस साल सवा दो लाख पौधे तैयार किए गए हैं, जिनमें से सिर्फ लगभग एक लाख ही पौधे बिक पाए है.
नौणी विश्वविद्यालय के फल विज्ञान विभाग के प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डॉ धर्मपाल शर्मा ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नौणी विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर और अन्य केंद्र पर इस बार 11 दिसंबर 2023 से पौधों की बिक्री को शुरू किया गया था. जिनमें स्टोन फ्रूटस और सेब के पौधे शामिल थे, लेकिन स्टोन फ्रूटस के मुकाबले सेब के पौधों की बिक्री कम हुई है.