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चौधरी लज्जा राम के बाद कोई भी विधायक दून में नहीं कर पाया मिशन रिपीट, पहाड़ी क्षेत्र करता है जीत हार का फैसला - दून में नहीं कर पाया मिशन रिपीट

औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के अधीन आने वाली दून विधानसभा क्षेत्र में साल 2003 के बाद कोई भी विधायक अपना मिशन रिपीट बतौर विधायक नहीं कर पाया है. कहा जाता है कि यहां पर पहाड़ी क्षेत्र हर बार हार जीत हार का फैसला करता है. पहाड़ी क्षेत्र में दून विधानसभा क्षेत्र की 22 पंचायतें आती है जिसमें करीब 25,000 मतदाता है और यही मतदाता हर बार जीत हार सुनिश्चित करते हैं. दून सीट पर भाजपा की ओर से निवर्तमान विधायक परमजीत सिंह पम्मी को उम्मीदवार बनाया गया है तो वहीं, कांग्रेस ने पूर्व विधायक राम कुमार चौधरी को मैदान में उतारा है. (Himachal Assembly Election 2022) (BJP Candidate from Doon Assembly constituency) (Congress Candidate from Doon Assembly constituency)

BJP and Congress Candidate from Doon Assembly constituency
कोई भी विधायक दून में नहीं कर पाया मिशन रिपीट

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Published : Oct 27, 2022, 12:49 PM IST

सोलन/दून:हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 को कुछ ही समय बाकी रह चुका है. ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार जनता के घर द्वार पर पहुंचकर अपने-अपने पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे हैं. बात औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के अधीन आने वाली दून विधानसभा क्षेत्र की करते हैं जहां साल 2003 के बाद कोई भी विधायक अपना मिशन रिपीट बतौर विधायक नहीं कर पाया है. दून विधानसभा क्षेत्र का पहाड़ी क्षेत्र हर बार हार जीत हार का फैसला करता है. (Himachal Assembly Election 2022) (Doon Assembly constituency)

पहाड़ी क्षेत्र में दून विधानसभा क्षेत्र की 22 पंचायतें आती है जिसमें करीब 25,000 मतदाता है और यही मतदाता हर बार जीत हार सुनिश्चित करते हैं. दून विधानसभा क्षेत्र में कुल 90,988 मतदाता है यहां पर 46,655 पुरुष और 44,329 महिला मतदाता हैं. वहीं, 04 थर्ड जेंडर मतदाता विधानसभा क्षेत्र में हैं. अभी तक दून विधानसभा क्षेत्र में हुए 12 चुनाव में अगर नजर डाली जाए तो दून विधानसभा क्षेत्र में करीब 70 से 78% मतदान ही होता है. दून विधानसभा क्षेत्र में कुल 36 पंचायतें हैं जिसमें 22 पहाड़ी क्षेत्र और 14 पंचायत शहरी क्षेत्र में आती हैं.

वहीं, एक नगर परिषद भी दून विधानसभा क्षेत्र में है. यहां पर प्रवासी मजदूर और हरियाणा लॉबी के कारोबारी भी काफी वर्चस्व रखते है. आंकड़ो पर नजर डाली जाए तो दून विधानसभा क्षेत्र में 1967 में यहां पर निर्दलीय के रूप में लेखराम ने चुनाव लड़ा था. उसके बाद उन्होंने 1972 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता. लेखराम के बाद रामप्रताप चंदेल तीन बार दून विधानसभा क्षेत्र में विधायक रहे. 1977 में वे निर्दलीय और 1982 और 1985 में उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता. (BJP and Congress Candidate from Doon)

उसके बाद चौधरी लज्जाराम 4 मर्तबा दून विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे. साल 1990 में जनता दल से उन्होंने चुनाव लड़ा और 1993, 1998 और 2003 में उन्होंने कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ा और दून विधानसभा क्षेत्र में सत्ता हासिल की. उसके बाद साल 2007 में विनोद चंदेल भाजपा की ओर से दून में विधायक बने. साल 2012 में रामकुमार कांग्रेस और साल 2017 में भाजपा की ओर से परमजीत सिंह पम्मी दून विधानसभा क्षेत्र में विधायक चुने गए.

बता दें कि दून सीट पर भाजपा की ओर से निवर्तमान विधायक परमजीत सिंह पम्मी को उम्मीदवार बनाया गया है तो वहीं, कांग्रेस ने पूर्व विधायक राम कुमार चौधरी को मैदान में उतारा है. पिछले चुनाव में पम्मी राम कुमार पर भारी पड़े थे. इस सीट पर दोनों ही पार्टियों में टिकट के लिए ज्यादा लड़ाई नहीं थी. राम कुमार के पिता चौधरी लज्जा राम इस सीट से 4 बार विधायक रहे हैं. (BJP Candidate from Doon Assembly constituency) (Congress Candidate from Doon Assembly constituency)

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