अर्की:हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) चुनाव के लिए 62 सीटों पर हिमाचल बीजेपी के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी हो गई है. वहीं, इर अर्की विधानसभा सीट पर दो ब्रह्मणों को बीच दिलचस्प मुकाबला होने वाला है. अर्की विधानसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के चुनाव लड़ने के दौरान काफी चर्चा में आया था. अब वीरभद्र सिंह नहीं हैं, तो एक बार फिर से ये सीट चर्चा में है. इस बार इस सीट पर दो ब्रह्मण चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं. (bjp and congress candidate from Arki )
अर्की सीट से कांग्रेस जहां एक तरफ मौजूदा विधायक संजय अवस्थी को चुनावी मैदान में उतार चुकी है, वहीं भाजपा ने संगठन के खास माने जा रहे रत्न सिंह पाल का टिकट काटकर 2007 और 2012 में भाजपा के विधायक रहे गोबिंद राम शर्मा पर भरोसा जताया है. लेकिन भाजपा और कांग्रेस को यहां पर निर्दलीय से कड़ी टक्कर मिल रही है. यहां पर कांग्रेस से बगावत कर चुके राजेन्द्र ठाकुर निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. राजू अभी तक अर्की विधानसभा क्षेत्र में करीब 8000 महिलाओं को गंगा दर्शन करवा चुके हैं और यही गंगा दर्शन कांग्रेस भाजपा के उम्मीदवारों के लिए चिंता का विषय बन चुके हैं. (Arki Assembly constituency) (Himachal BJP Candidate list) (Arki BJP Candidate) (Arki Congress Candidate)
सोलन जिले की अर्की विधानसभा सीट पर आज तक 12 चुनावों में से 6 बार कांग्रेस, 4 भाजपा, एक बार जनता पार्टी और एक बार लोक राज पार्टी को जीत मिली है. अर्की विधानसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ भी कहा जाता है. अर्की विधानसभा क्षेत्र में 71 पंचायते औऱ एक नगर पंचायत है यहाँ पर कुल मतदाताओं की संख्या 95,609 है. (Arki assembly seat ground Report)
अर्की विधानसभा सीट पर अब तक ये रहे हैं विधायक: अर्की विधानसभा सीट (Arki assembly seat) पर साल 1972 में हीरा सिंह पाल लोकराज पार्टी से यहां विधायक रहे. 1977 में जनता पार्टी के नगीन चन्द्र पाल विधायक बने. 1982 में फिर नगीन चन्द्र पाल अर्की के विधायक बने, लेकिन इस बार भाजपा की टिकट पर जीत हासिल की थी. साल 1985 में कांग्रेस के प्रत्याशी हीरा सिंह पाल ने अर्की की सीट पर जीत हासिल की. 1990 में फिर नगीन चन्द्र पाल ने भाजपा की टिकट पर यहां चुनाव जीता. उसके बाद अर्की विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने 1993, 1998 और 2003 में अपनी हैट्रिक लगाई और यहां पर धर्मपाल ठाकुर लगातार तीन बार विधायक रहे. उसके बाद 2007 और 2012 में भाजपा के गोविंद शर्मा ने यहां पर दो बार चुनाव जीता. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में गोविंद शर्मा का टिकट कटा और भाजपा ने नए चेहरे रत्न सिंह पाल को चुनावी मैदान में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के सामने उतारा, जिसमें भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के निधन के बाद 2021 में उपचुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी संजय अवस्थी ने जीत हासिल की. (Arki assembly seat political equation)
अर्की विधानसभा सीट पर जीत का अंतर: साल 1972 में अर्की में लोकराज पार्टी से चुनाव लड़ते हुए हीरा सिंह पाल ने निर्दलीय उम्मीदवार बाली राम ठाकुर को 610 वोटों से हराया था. साल 1977 में जनता पार्टी से चुनाव लड़ते हुए नगीन चन्द्र पाल ने सीपीआईएम के कामेश्वर को 8,317 वोटों से हराया था. साल 1985 में कांग्रेस के हीरा सिंह पाल ने भाजपा के नगीन चन्द्र पाल को 6,412 वोटों से हराया. साल 1990 में हुए चुनावों में भाजपा के नगीन चन्द्र पाल ने कांग्रेस के अमर चंद पाल को 10,998 वोटों से हराया. साल 1993, 1998 और 2003 में हुए चुनाव में कांग्रेस के धर्मपाल ठाकुर ने अपनी जीत की हैट्रिक लगाई. 1993 में उन्होंने भाजपा के नगीन चन्द्र पाल को 5,727 वोटों से हराया. 1998 में फिर एक बार उन्होंने भाजपा के नगीन चन्द्र पाल को 578 वोटों से हराया. 2003 में भाजपा ने टिकट में बदलाव करके गोविंद शर्मा को टिकट दिया, लेकिन 2003 में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस के धर्मपाल ठाकुर ने भाजपा के गोविंद शर्मा को 1,043 वोटों से हराया.