पांवटा साहिब: कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन ने भले ही अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है, लेकिन लॉकडाउन ने लोगों के अंदर छिपी कलाकारी और हुनर को निखारने का काम किया है. जिला सिरमौर के पांवटा साहिब की प्रीत ने लॉकडाउन में वह कर दिखाया है जिसकी उम्मीद खुद उन्हें भी नहीं थी.
प्रीत ने लोगों के लिए कूड़ा बन चुके सामान को अपने हुनर से सजावटी चीजों में बदल दिया. प्रीत लॉकडाउन के दौरान वेस्ट मटेरियल से घर पर ही नए-नए चीजों को तैयार कर उसे यूजफुल बना रही हैं.
प्रीत पेशे से कारोबारी है. वह जानती हैं कि समय का सदुपयोग कैसे किया जाता है. लॉकडाउन में दुकान बंद थी, लिहाजा उन्होंने समय का सही प्रयोग करते हुए लोगों द्वारा फेंके गए कबाड़ से ही सजावट का सामान बनाना शुरू कर दिया. इस सामान में गमले से लेकर फूल के गुलदस्ते और झूमर शामिल हैं.
लोगों को यह सजावट का सामान बेहद पसंद आ रहा है. लोग दूर-दूर से आकर न केवल इस सजावट के सामान को देख रहे हैं, बल्कि इसकी सराहना भी कर रहे हैं. वेस्ट मटेरियल से बने सामन को देखकर सब स्तब्ध हैं और सबके मन में सिर्फ एक ही सवाल है कि आखिर कोई कबाड़ से भी सजावटी बेहद उम्दा सामान तैयार कर सकता है.
प्रीत ने बताया कि लोग कांच और गत्तों को कबाड़ समझ कर फेंक देते हैं. प्लास्टिक को जला देते हैं पर अगर इनका भी सदुपयोग किया जाए तो घर की सुंदरता कम खर्चे में की जा सकती है. वेस्ट मटेरियल से बने इस सामान को लोग अब खरीदने पहुंच रहे हैं.
प्रीत के पास सजवाट का चीजें खरीदने पहुंचे व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने कोरोना काल में ऐसा काम किया है, जिससे अन्य महिलाओं को भी प्ररेणा मिलेगी. घर में बैठी महिलाएं अगर ऐसी सजावट की वस्तुएं बनाने का काम शुरू करेंगी तो वह घर बैठे पैसा भी कमा सकती हैं. प्रीत वाकई में दूसरी महिलाओं के लिए प्ररेणा का स्त्रोत बन गई हैं. प्रीत लॉकडाउन में डिपरेशन के शिकार बहुत से लोगों के लिए भी रोशनी की एक किरण बनकर सामने आई हैं.
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