सिरमौर:हिमाचल पर इन दिनों कुदरत का कहर बरस रहा है. बुधवार शाम को ऐसा ही कहर सिरमौर जिले के सिरमौरी ताल इलाके पर बरपा. जहां बादल फटने के बाद विनोद का मकान और उसका परिवार सैलाब की चपेट में आ गए. विनोद अब उस वक्त और किस्मत दोनों को कोस रहा है. बाढ़ में विनोद का मकान जमींदोज़ हो गया और उसका पूरा परिवार भी इस सैलाब की चपेट में आ गया. विनोद के घर पर जब कुदरत का कहर बरपा तो घर में विनोद के बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और बेटा-बेटी थी. जिन्हें सैलाब अपने साथ बहाकर ले गया. अब वो सैलाब के साथ बह गए या मलबे में दबे हैं कोई नहीं जानता.
लाडली की लाश मिली, लाडला अब भी लापता- बुधवार के दिन आया वो सैलाब विनोद का सबकुछ बहाकर ले गया लेकिन विनोद का दिल अभी छलनी होना बाकी था. जब गुरुवार को उसके 63 साल के पिता कुलदीप सिंह और 8 साल की बेटी दीपिका की लाश मलबे से निकाली गई. जिस लाडली पर वो अपनी जान छिड़कता था उसकी लाश ने विनोद को ऐसा बेसुध किया कि गांववालों के लिए विनोद को संभालना मुश्किल हो गया. उसके कलेजे का एक टुकड़ा उसकी बेटी दीपिका उसे छोड़कर जा चुकी है.
अब विनोद की थरथराते होठों और झरझर बहती आंखों में बस यही उम्मीद है कि उसके कलेजे का दूसरा टुकड़ा उसका बेटा सही सलामत हो. विनोद का 10 साल का बेटा नितेश भी परिवार के साथ बाढ़ की चपेट में आ गया था. पिता भी साथ छोड़कर जा चुके हैं और मां के साथ पत्नी भी फिलहाल लापता है. परिवार के दो लोगों की लाशें देखकर विनोद सुधबुध खो रहा है, बेटे समेत तीन लोग अब भी लापता हैं. उसने बस उम्मीद के दामन की एक डोर थाम रखी है क्योंकि ऐसे हादसों में कई बार जिंदगी मौत को मात देती है.
पढ़ाई में अव्वल दीपिका और नितेश- विनोद के साथ इस वक्त पूरा इलाका खड़ा है, कोई उसे सांत्वना दे रहा है तो कोई हिम्मत बंधा रहा है. लेकिन विनोद को जरूरत उम्मीद की है, जिसका दामन उसने अब भी थाम रखा है. मां, पत्नी और बेटे के मिलने की उम्मीद. दीपिका की लाश मिलने और नितेश के लापता होने की खबर से उनके स्कूल के दोस्तों में भी शोक की लहर है. दोनों भाई-बहन पढ़ाई में अव्वल थे. चौथी और पांचवी में पढ़ने वाले अपने दोनों बच्चों के लिए विनोद ने कई सपने देखे थे लेकिन उसके सपने एक झटके में चकनाचूर हो गए.
बहन के बच्चों के बचाने गया था विनोद- अब विनोद भगवान से यही सवाल पूछ रहा है कि उससे उसका परिवार क्यों छीन लिया. किस्मत देखिये कि विनोद अपनी बहन के बच्चों को बचाने घर से निकला था और तभी उसका अपना घर बाढ़ का शिकार हो गया. बताया जा रहा है कि बुधवार शाम को पड़ोस में रहने वाली उसके मामा की बेटी का फोन आया था. बहन ने कहा कि बाढ़ का पानी उसके घर की तरफ बढ़ रहा है सो उसके बच्चों को अपने घर ले जाए. विनोद अपनी बहन के बच्चों को लेने निकला और सैलाब उसके घर के साथ परिवार को भी बहा ले गया. इसे किस्मत ही कहेंगे कि बहन के एक फोन कॉल ने उसकी जान तो बचा ली लेकिन उसका परिवार कुदरत के कहर का शिकार हो गया. अब विनोद अपनी किस्मत को ही कोस रहा है.