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Sirmaur: स्वावलंबन की ओर एक कदम, पुराने कपड़ों से दरियां तैयार कर आजीविका कमा रही ग्रामीण महिलाएं

सिरमौर जिले के नाहन के अंतर्गत धारटीधार में ग्रामीण महिलाएं राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन से प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वावलंबी बन रही हैं. ये ग्रामीण महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाकर पुराने कपड़ों से दरियां और अन्य उत्पाद बनाती हैं. जिससे इन महिलाओं को आजीविका भी प्राप्त हो रही है.

women prepare carpets from old clothes in Sirmaur
सिरमौर में पुराने कपड़ों से दरियां तैयार कर रही ग्रामीण महिलाएं

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Published : Apr 9, 2023, 4:06 PM IST

नाहन:सिरमौर जिले के विधानसभा क्षेत्र नाहन के धारटीधार क्षेत्र में ग्रामीण महिलाएं पुराने कपड़ों से दरियां व इससे संबंधित अन्य उत्पाद तैयार कर आजीविका कमा रही हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से प्रशिक्षण हासिल करने के बाद अब यह महिलाएं स्वावलंबी बनने की दिशा में अग्रसर हैं. गौरतलब है कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए केंद्र सरकार ने अनेक कार्यक्रम व योजनाएं चला रखी हैं. इन योजनाओं में से एक ग्रामीण आजीविका मिशन भी है. इसके तहत महिलाओं को विभिन्न कार्यों के प्रशिक्षण के साथ-साथ सहायता भी की जाती है. सिरमौर जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बहुत सी महिलाएं अपने स्वयं सहायता समूह बनाकर आज खुद का रोजगार कमा रही हैं और आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर होने की ओर कदम बढ़ा रही हैं.

महिलाओं द्वारा बनाई गई दरी.

पुराने कपड़ों को एकत्रित कर तैयार कर रहीं विभिन्न उत्पाद: इसी के तहत धारटीधार क्षेत्र में भी स्वयं सहायता समूह बनाकर महिलाएं पुराने कपड़ों से दरियां तैयार कर रही हैं, जो न केवल उनके प्रयोग में काम आती हैं, बल्कि इन्हें बेचा भी जाता है. इसके साथ ही पुराने कपड़ों से अन्य उत्पाद भी तैयार किए जा रहे हैं. करीब एक दर्जन महिलाओं ने भी पहले राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रशिक्षण प्राप्त किया. दरियां बनाने के लिए ये महिलाएं परम्परागत तरीके से पुराने कपड़े एकत्रित करती हैं और उसके बाद सामूहिक प्रयास से दरियां बना रही हैं. ये दरियां देखने में जितनी आकर्षक हैं उतनी ही इनकी अब मांग भी बढ़ रही है.

सिरमौर में पुराने कपड़ों से दरियां तैयार कर रही महिलाएं

'घर के समीप मिल रहा रोजगार': स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला निशा देवी ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रशिक्षण प्राप्त किया और अब सब मिलकर दरियां बनाती हैं. घर में पड़े पुराने कपड़ों से ये लोग दरी तैयार कर रही हैं, जिससे इन्हें आजीविका कमाने की राह मिली है. वहीं अन्य महिला रानी ने बताया कि यह कार्य उन्हें अच्छा लगता है और घर के पास ही रोजगार भी मिल रहा है. साथ ही वह आय भी कमा रही हैं, जिससे उनका मनोबल भी बढ़ रहा है और परिवार की भी आर्थिक सहायता हो रही है. कुल मिलाकर राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़कर सिरमौर जिला में भी स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर हो रही हैं. जिला भर में कई तरह के उत्पाद महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे हैं.

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