नाहन: ओलावृष्टि से फसलों विशेषकर फलों को होने वाले नुकसान को लेकर प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है. इसी सिलसिले में सिंचाई व जनस्वास्थ्य एवं बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि राजगढ़ क्षेत्र में उपयुक्त स्थल पर विशाल एंटी-हेलगन स्थापित की जाएगी, ताकि राजगढ़ क्षेत्र के पझौता, रासूमांदर और हाब्बन इत्यादि क्षेत्रों में ओलावृष्टि से फसलों और विशेषकर फलों को होने वाले नुकसान से बचा जा सके.
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दरअसल राजगढ़ दौरे के दौरान महेंद्र सिंह ठाकुर पझौता घाटी के गांव चंदोल में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के उपमंडल कार्यालय का शुभारंभ करने के बाद एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राजगढ़ को देश में पीच-वैली के नाम से जाना जाता है. इसके अतिरिक्त इस विकास खंड के ऊंचाई वाले क्षेत्र हाब्बन, बथाऊधार, पझौता, रासूमांदर इत्यादि क्षेत्रों में सेब को भी उगाया जाता है, लेकिन कई बार ओलावृष्टि के कारण फलों और अन्य फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है, जिसके लिए इस क्षेत्र में एंटी-हेलगन स्थापित करना अनिवार्य है.
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महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि आईपीएच के उपमंडल कार्यालय के चंदोल में खुलने से पझौता व रासूमांदर की दस पंचायतों की लगभग 26 हजार आबादी लाभान्वित होगी और इन क्षेत्रों में पेयजल समस्या का स्थाई समाधान सुनिश्चित होगा. उन्होंने कहा कि इस उपमंडल के अंतर्गत दो कनिष्ठ अभियंता के अनुभाग कार्यालय भी सृजित किए गए हैं. नए सृजित उपमंडल और अनुभाग कार्यालय में शीघ्र ही स्टाफ की तैनाती की जाएगी. इस मौके पर सांसद लोकसभा सुरेश कश्यप ने संबोधित करते हुए चंदोल में आईपीएच का उपमंडल कार्यालय खोलने के लिए प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया.