नाहन:कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से देश सहित प्रदेश भी बुरी तरह से त्रस्त है. ऐसे में उत्तराखंड व हरियाणा राज्यों के साथ सटा सिरमौर जिला में भी इससे खासा प्रभावित हो रहा है.
लिहाजा ईटीवी भारत की टीम ने कोविड-19 स्थिति की जमीनी वास्तविकताओं का जायजा लिया, तो सामने आया है कि जिला में 30 अप्रैल नाहन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हुए नाहन प्रवास के बाद कोरोना संक्रमण से जंग के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को ज्यादा सुदृ़ढ़ किया गया है. साथ-साथ कोरोना मरीजों को भी अब बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के दावे किए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री के सामने ही कोविड मरीजों के परिजनों ने उठाए थे व्यवस्थाओं पर सवाल
बता दें कि 30 अप्रैल को जब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नाहन में कोविड-19 की समीक्षा बैठक के लिए नाहन पहुंचे थे, तो इसी बीच मुख्यमंत्री ने डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन का भी जायजा लिया था.
इसी बीच जब मुख्यमंत्री आइसोलेशन सेंटर के बाहर पहुंचे तो यहां कोविड मरीजों के परिजनों ने मुख्यमंत्री के समक्ष ही मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए थे. यहां कोरोना से पति की मौत के बाद उसकी संक्रमित पत्नी भी सड़क पर मुख्यमंत्री ने खुद तड़पती हुई देखी थी.
इसके बाद मुख्यमंत्री ने बैठक में न केवल व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश जारी किए थे, बल्कि जिला में नई व्यवस्थाएं जुटाने के लिए भी कहा था, जिस पर प्रशासन के नेतृत्व में जिला भर में काफी तेजी के साथ नई व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं.
पहले जान लीजिए वर्तमान में मेडिकल कॉलेज नाहन के हालात
मुख्यमंत्री के दौरे के बाद नाहन मेडिकल कॉलेज में न केवल बदहाल व्यवस्थाओं को सुधारा गया, बल्कि नई व्यवस्थाएं भी जुटाई जा रही है. सरकार ने मेडिकल कॉलेज को कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया है. लिहाजा सामान्य ओपीडी बंद है. केवल कोरोना मरीजों के बेहतर उपचार पर ही ध्यान दिया जा रहा है.
क्या कहते हैं मेडिकल कॉलेज नाहन के मेडिकल अधीक्षक?
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मेडिकल कॉलेज नाहन के वरिष्ठ मेडिकल अधीक्षक डॉ. श्याम कौशिक ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में बुखार, शरीर में दर्द, खांसी, जुखाम व सांस लेने दिक्कत आ रही हैं, उन सभी के साथ-साथ संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों के कोविड टेस्ट किए जा रहे हैं.
इसके अलावा यदि किसी को कोरोना का संदेह होता है, तो उसकी भी जांच की जा रही है. 5 अप्रैल से 5 वेंटिलेटर शुरू किए जा चुके हैं, जिसको लेकर परिणाम भी अच्छे आ रहे हैं. 5 ओर वेंटिलेटर भी जल्द इंस्टाल कर दिए जाएंगे. जरूरत के अनुसार वेंटिलेटर की सुविधा प्रदान की जा रही है.
नाहन में 72 ऑक्सीजन युक्त बेड करवाए जा चुके हैं उपलब्ध
मेडिकल अधीक्षक डॉ. श्याम कौशिक ने बताया कि कोविड आइसोलेशन के साथ-साथ वर्तमान में 72 ऑक्सीजन युक्त बेडों की व्यवस्था की जा चुकी है. जल्द ही जिनकी संख्या 110 तक पहुंचाने के लिए प्रबंधन प्रयासरत है. 200 बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाने के लिए भी सरकार को लिखा गया है. फिलहाल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. 68 बड़े सिलेंडर प्रतिदिन मेडिकल कॉलेज में लग रहे हैं.
15 मई से शुरू हुआ पीएसए ऑक्सीजन गैस प्लांट: प्रिंसिपल
15 मई को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नाहन मेडिकल कॉलेज के 300 एलपीएम क्षमता वाले पीएसए ऑक्सीजन गैस प्लांट का शुभारंभ किया. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एनके महेंद्रु ने बताया कि यह प्लांट हवा से ऑक्सीजन एकत्रित करता है, जिसे पाइन लाइन के माध्यम से रोगियों तक पहुंचाया जाता है.
आइसोलेशन वार्ड में कोविड मरीजों को यह सुविधा प्रदान की जा रही है. चूंकि यह प्लांट थोड़ा छोटा है, ऐसे में यदि ऑक्सीजन की मात्रा पूरी न हो, तो उसके मद्देनजर ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध है. पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के शुरू होने से सिलेंडरों को भरने की थोड़ी समस्या कम हुई है. आइसोलेशन वार्ड में 5 वेंटिलेटर पूरी क्षमता के साथ कार्यान्वित है.
यहां जानिये जिला के अन्य अस्पतालों के हालात
सिरमौर जिले के सिविल अस्पतालों में भी मुख्यमंत्री के दौरे के बाद नई व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं. निजी अस्पतालों के अलावा सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेडों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है. इस बाबत जिला के सीएमओ डॉ. केके पराशर से भी विस्तार से बातचीत की गई.
क्या कहते हैं जिला के सीएमओ सिरमौर?