सिरमौर: कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन और मौसम की मार ने इस बार किसानों को लाखों का नुकसान पहुंचाया है. पांवटा साहिब के ऊपरी इलाकों में हर साल लहसुन की बंपर फसल होती थी, लेकिन इस बार ओलावृष्टि होने से फसल को बहुत नुकसान पहुंचा है. वहीं, लॉकडाउन के कारण जो पैदावार हुई वो समय पर सब्जी मंडी नहीं पहुंच पाई.
लहसुन की फसल पर लॉकडाउन और ओलावृष्टि की मार, किसानों को लाखों का नुकसान - Garlic production in himachal
हर साल लहसुन 100 रुपये प्रति किलो बिकता था, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते लहसुन 60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. ऐसे में किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. पांवटा साहिब की कुछ पंचायतों से लहसुन को सीधा दिल्ली की सब्जी मंडी में पहुंचाया जाता था, लेकिन इस बार दाम अच्छे न मिलने के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
किसानों का कहना है कि हर साल लहसुन 100 रुपये प्रति किलो बिकता था, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते लहसुन 60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. ऐसे में किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. पांवटा साहिब की कुछ पंचायतों से लहसुन को सीधा दिल्ली की सब्जी मंडी में पहुंचाया जाता था, लेकिन इस बार दाम अच्छे न मिलने के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
किसनों ने सरकार से लहसुन का समर्थन मूल्य तय करने की मांग की है, जिससे उन्हें नुकसान न उठाना पड़े.