हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

कोरोना काल में नहीं हो रही अदरक की बिक्री, किसानों ने यूं निकाला समस्या का हल - Agricultural Scientist Dr. Sukhdev Singh Patial

सिरमौर के अधिकांश जगहों पर भारी मात्रा में अदरक की पैदावार की जाती है. कोरोना महामारी के चलते अदरक की मंडियां न खुलने के कारण किसान हताहत हैं. किसान अब बाजार में बेचने के लिए सोंठ बना रहे हैं. जिला सिरमौर में तकरीबन सभी जगहों पर किसानों द्वारा सोंठ बनाई जा रही है. सोंठ के अच्छे दाम मिलने से किसानों के चहरे भी खिलने लगे हैं.

Photo
फोटो

By

Published : May 19, 2021, 9:44 PM IST

Updated : May 19, 2021, 10:12 PM IST

पांवटा साहिब:सिरमौर एशिया के अदरक निर्यात में प्रथम स्थान पर है. सिरमौर के अधिकांश जगहों पर भारी मात्रा में अदरक की पैदावार होती है. कोरोना महामारी के चलते अदरक की मंडियां न खुलने के कारण किसान हताहत हैं. किसानों ने इसका दूसरा रूप तैयार कर बाजार में भेजने के लिए सोंठ बनाई है. जिला सिरमौर में तकरीबन सभी जगहों पर किसानों द्वारा सोंठ बनाई जा रही है. सोंठ के अच्छे दाम मिलने से किसानों के चहरे भी खिलने लगे हैं.

सिरमौर में बढा सोंठ का उत्पादन

प्रदेश में 2,406 हेक्टेयर भूमि में अदरक लगाया जाता है, जिसमें लगभग 26,872 मीट्रिक टन अदरक का उत्पादन होता है. सिरमौर में अदरक का उत्पादन अधिक मात्रा में होता है. यहां 1,434 हेक्टेयर भूमि में अदरक लगाया जाता है. इसमें लगभग 18,440 मीट्रिक टन अदरक का उत्पादन होता है.

सोंठ के फायदे

सोंठ के फायदे की बात करें तो अदरक की तरह ही सोंठ में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, सोडियम, विटामिन ए और सी, जिंक, फोलेट एसिड, फैटी एसिड, पोटेशियम जैसे पौषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ हमारे शरीर को मौसमी बीमारियों यानि खांसी-जुकाम के अलावा माइग्रेन जैसे अन्य गंभीर रोगों से बचाती हैं.

वीडियो.

40 किलो सोंठ की कीमत 20-25 हजार

किसानों ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते मंडियों में अदरक की खरीद कम हो गई है. इसके उपरांत किसानों ने सोंठ का निर्माण किया है. किसानों ने बताया कि 40 किलो सोंठ का मूल्य करीब 20 से 25 हजार तक है. इससे किसानों को सोंठ में अदरक की अपेक्षा अच्छे दाम मिल रहे हैं. जिला सिरमौर में किसानों ने सोंठ बनाने में दिन रात एक कर दिया है.

कैसे बनाई जाती है सोंठ

किसानों ने बताया कि अदरक को पहले काट के उसको सुखाया जाता है. कटे हुए अदरक तब तक ऐसे ही रखा जाता है जब तक उसका वजन 5 किलो से आधा किलो नहीं हो जाता. उन्होंने कहा कि सोंठ के दाम इस बार किसानों को ज्यादा मिल रहे हैं. जो अदरक की खेती सिरमौर में खत्म हो गई थी, अब वह सोंठ के कारण बढ़ रही है.

कृषि विज्ञान की टीम ने तैयार की डॉक्यूमेंट्री

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर सुखदेव सिंह पटियाल ने बताया कि भारत के असम, मेघालय, केरल, नॉर्थ ईस्ट और सिरमौर में ही अच्छी क्वालिटी की सोंठ पाई जाती है. कृषि विज्ञान की टीम एक नई डॉक्यूमेंट्री तैयार कर रही है जिससे सिरमौर की इस सोंठ को पूरे देश में एक अलग पहचान मिल सके.

ये भी पढ़ें:भेड़पालकों ने पैदल लांघ दिया रोहतांग दर्रा, लाहौल घाटी में जमाया डेरा

Last Updated : May 19, 2021, 10:12 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details