नाहन: सिरमौर जिला के किसान फाल आर्मी वर्म कीड़े से मक्की की फसल को बचाने के लिए पूरी सावधानी बरतें. जिला कृषि विभाग ने किसानों के लिए एडवाजरी जारी की है, ताकि किसानों को नुकसान न उठाना पड़े.
दरअसल इस साल जिला में किसानों को फाल आर्मी वर्म कीड़े के प्रकोप के चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जिला के निचले व गिरीपार वाले इलाके में इस कीट का अधिक प्रकोप देखने को मिल रहा है. अभी तक लगभग 4 हजार हेक्टेयर मक्की की फसल में खेत के बीच में ही स्थानीय पैच के रूप में 10 से 15 प्रतिशत पौधे इस कीड़े से ग्रसित पाए गए हैं.
लिहाजा कृषि विभाग ने बचाव से संबंधित एडवाइजरी जारी की है. ध्यान देने वाली बात यह भी है कि किसान ग्रसित पौधों के अवशेष अपने खेतों में न छोड़ें, अन्यथा यह अगली फसल को नुक्सान पहुंचाएंगे. यह कीड़ा 80 से ज्यादा फसलों को नुक्सान पहुंचाता है.
कृषि विभाग के अनुसार यह कीड़ा दक्षिण अमेरिका में पाया जाता था, लेकिन कुछ वर्ष पहले यह अफ्रीकी देशों से होते हुए कर्नाटक और वहां से उत्तरी पूर्वी राज्यों में पहुंचने के बाद अब उतरी भारत के राज्यों में भी पहुंच गया है.
यह जलवायु परिवर्तन और खादों के असंतुलित उपयोगों के कारण हुआ है और नत्रजन के ज्यादा उपयोग करने के कारण पौधों की रोगों और कीटों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता खत्म हो जाती है, जिस कारण विभिन्न किस्म के रोग और कीड़े फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं.
सिरमौर जिला के कार्यकारी कृषि उपनिदेशक डॉ. बलदेव पराशर ने आर्मी वोर्म नामक कीड़े के प्रकोप से मक्की सहित अन्य फसलों को बचाने के लिए विभाग ने किसानों को सावधान बरतने की अपील की है.
उन्होंने बताया कि उक्त कीड़ों से अपने फसल को बचाने के लिए खेत का नियमित सर्वेक्षण करें. यदि खेत में 5 प्रतिशत से अधिक पौधों पर फाल आर्मी वोर्म नामक कीड़े का प्रकोप पाया जाता है, तो इसके नियंत्रण के लिए उपाय समय पर शुरू कर दें.