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डीडीयू में मनाया गया विश्व टीबी दिवस, बीमारी की रोकथाम के लिए हिमाचल ने किया सराहनीय काम

डीडीयू अस्पताल में बुधवार काे विश्व टीबी दिवस मनाया गया. सीएमओ शिमला डाॅ. सुरेखा चाेपड़ा ने कहा कि विश्व टीबी दिवस-2021 का इस बार का थीम द क्लॉक द टिकिंग' है. टीबी दिवस 2021 का थीम को साफ शब्दों में कहें तो इसके रोकथाम के लिए जल्दी और निर्णायक कदम उठाने की जरूरत है.

World TB Day celebrated in DDU Hospital Shimla
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Published : Mar 24, 2021, 7:12 PM IST

शिमलाःडीडीयू अस्पताल में बुधवार काे विश्व टीबी दिवस मनाया गया. इस दाैरान अस्पताल में एक कार्यक्रम आयाेजित किया गया. कार्यक्रम में मेयर सत्या काैंडल ने बताैर मुख्यतिथि शिरकत की. सीएमओ शिमला डाॅ. सुरेखा चाेपड़ा ने मुख्यतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि विश्व टीबी दिवस-2021 का इस बार का थीम 'द क्लॉक द टिकिंग' है. इसका मतलब है कि दुनियाभर के देश टीबी जैसी घातक बीमारी को खत्म करने के लिए कोई बड़ा कदम जल्दी उठाएं, क्योंकि हमारे पास समय की कमी है. उन्हाेंने कहा कि ये बीमारी जितना फैलेगी, लोगों के जान जाने का खतरा उतना ही ज्यादा है.

टीबी दिवस 2021 का थीम को साफ शब्दों में कहें तो इसके रोकथाम के लिए जल्दी और निर्णायक कदम उठाने की जरूरत है. उन्हाेंने कहा कि हमें यह बताते हुए खुशी हाे रही है कि हिमाचल प्रदेश काे टीबी पर बेस्ट परफाॅर्मेंस पर आज दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सम्मानित कर रहे हैं. इसमें प्रदेश के पांच जिला काे बेहतर कार्य के लिए सम्मानित किया जा रहा है, जिसमें लाहाैल स्पीति पहले स्थान पर है.

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टीबी काे लेकर हमें घर-घर तक जागरूक करने की जरूरत

वहीं, मुख्यतिथि मेयर सत्या काैंडल ने कहा कि टीबी काे लेकर हमें घर-घर तक जागरूक करने की जरूरत है, ताकि इस बीमारी काे जड़ से खत्म किया जा सके. उन्हाेंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग बेहतर कार्य कर रहा है. उन्हाेंने कार्यक्रम में माैजूद हेल्थ वर्कर और आशा वर्कराें से आग्रह किया कि वह लाेगाें काे टीबी के बारे में बताएं कि यह बीमारी लाइलाज नहीं है. केवल समय पर अस्पताल आने की जरूरत है. इसमें दवाइयां भी निशुल्क दी जाती हैं.

यह है टीबी के लक्षण और उपाए

टीबी के मुख्यताैर पर लक्षण हैं जिनमें तीन हफ्ते से ज्यादा खांसी होना, खांसी में खून, थूक का आना, बुखार आना, भूख ना लगना, सीने में दर्द, थकान हाेना. वहीं टीबी से बचने के लिए बच्चों को बीसीजी वैक्सीन लगवाएं, टीबी रोगी के पास मास्क और चेहरे को ढ़क कर जाए, टीबी के रोगी का ध्यान रखा जाए कि उसको सांस लेने में दिक्कत ना हो, टीबी के मरीज डॉक्टर से संपर्क में रहें.

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