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हिमाचल में कार और बाइक का सपना हुआ महंगा, अब ज्यादा ढीली करनी होगी जेब

हिमाचल विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान पास हुए मोटर व्हीकल कराधान संशोधन को राज्यपाल की हरी झंडी मिल गई है. जिसके बाद हिमाचल में एक तरह से वाहन खरीदना महंगा हो गया है.

गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन फीस
डिजाइन फोटो.

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Published : Nov 3, 2020, 10:58 PM IST

शिमला: कोरोना और महंगाई की मार झेलती जनता को एक और झटका लगा है. हिमाचल में अब वाहनों का रजिस्ट्रेशन करवाना महंगा हो गया है क्योंकि हिमाचल विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान पास हुए मोटर व्हीकल कराधान संशोधन को राज्यपाल की हरी झंडी मिल गई है. जिसके बाद हिमाचल में एक तरह से वाहन खरीदना महंगा हो गया है. अगर आप भी हिमाचल में वाहन रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं तो आपको पहले के मुकाबले अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी होगी.

मोटरसाइकिल रजिस्ट्रेशन करना महंगा

हिमाचल में 50 हजार तक की मोटर बाइक पर अब 7 फीसदी की दर से रजिस्ट्रेशन फीस देनी होगी. वहीं 51 हजार से 2 लाख रुपये तक की बाइक पर 8 फीसदी पंजीकरण फीस चुकानी होगी और अगर बाइक की कीमत 2 लाख से अधिक है तो आपको 10 फीसदी की दर से रजिस्ट्रेशन फीस अदा करनी होगी.

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कार रजिस्ट्रेशन के लिए जेब करो ढीली

इसी तरह अगर आप त्योहारों के इस सीजन में नई कार लेने की सोच रहे हैं तो आपको जेब थोड़ी ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी. हिमाचल में अब 15 लाख रुपये तक की कीमत वाली किसी भी कार पर 8 फीसदी रजिस्ट्रेशन फीस चुकानी होगी. वहीं अगर कार की कीमत 15 लाख से अधिक है तो फिर 10 फीसदी रजिस्ट्रेशन फीस देनी होगी.

हिमाचल में कार और बाइक का सपना हुआ महंगा

अगर आप किसी दूसरे राज्य से ताल्लुक रखते हैं लेकिन अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन हिमाचल में करवाना चाहते हैं तो आपको 2 फीसदी अतिरिक्त रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान करना होगा. इसके अलावा निर्माण कार्य में प्रयोग में लाई जाने वाली मशीनों का पंजीकरण अब अन्य वाहनों की तरह 15 साल के लिए किया जाएगा.

हिमाचल में कार और बाइक का सपना हुआ महंगा

अब तक इतनी थी रजिस्ट्रेशन फीस

अब तक हिमाचल में वाहन की कीमत के आधार पर 3 फीसदी से लेकर 8 फीसदी तक रजिस्ट्रेशन फीस वसूली जाती थी. जो देश के कई राज्यों के मुकाबले काफी कम थी. देश के अन्य राज्यों खासकर पड़ोसी राज्यों में वाहन पंजीकरण फीस की दर को देखते हुए हिमाचल सरकार ने भी रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ाने का फैसला लिया था. इससे सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होती है.

हिमाचल में कार और बाइक का सपना हुआ महंगा

वाहनों का पंजीकरण

राज्यों में बिकने वाले वाहनों पर राज्य सरकारें रजिस्ट्रेशन फीस वसूलती हैं. जो वाहन की कीमत पर एक तय दर से वसूला जाता है. ये वाहन की कीमत के हिसाब से हर राज्य में अलग-अलग है. पंजीकरण के बाद इससे जुड़े दस्तावेज दिया जाता है और मोटर वाहनों को एक पंजीकरण संख्या दी जाती है. जिसे देखते ही आप पहचान जाएंगे कि वाहन का पजीकरण किस राज्य में हुआ है. जैसे हिमाचल में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले वाहनों की पंजीकरण संख्या HP, दिल्ली में पंजीकृत वाहन का नंबर DL, पंजाब का PB, हरियाणा का HR से शुरू होता है.

मोटर वाहनों को राज्यों में जिला स्तर के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा पंजीकृत किया जाता है. इसलिये नंबर प्लेट पर राज्य के अलावा उस राज्य के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय की जानकारी भी अंको में दी जाती है. वाहनों पर लगी इस नंबर प्लेट से वाहन के मालिक से लेकर उसके पते और वाहन से जुड़ी अन्य जानकारी प्राप्त की जा सकती हैं. किसी दुर्घटना या वारदात के दौरान वाहन की नंबर प्लेट मामले की शुरुआती जांच में पुलिस की मदद करती है.

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