शिमला:कोरोना के चलते हिमाचल में पर्यटन व्यवसाय डूबने के कगार पर है. देश में लॉकडाउन की वजह से हिमाचल का पर्यटन उद्योग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. लॉकडाउन बढ़ाए जाने के चलते पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
हिमाचल पर्यटन विभाग में पंजीकृत पर्यटन इकाइयों में 3350 होटल, 1656 होमस्टे, 2912 ट्रैवल एजेंसी, 222 एडवेंचर यूनिट्स, हजारों रेस्टोरेंट और फूड जॉइंट्स संकट में आ गए हैं. इन सभी इकाइयों के चलते अन्य लोगों को रोजगार मिल रहा था, लेकिन अब उनकी रोजी-रोटी पर संकट बन आया है.
इस समय पर्यटन विभाग में 899 फोटोग्राफर्स, 1314 गाइड और ट्रांसपोर्ट विभाग में 26800 टैक्सियों और 14813 मैक्सी कैब पंजीकृत हैं, जिनकी दो-वक्त की रोजी-रोटी का साधन ठप पड़ा हुआ है. ऐसे में इनको सरकार से राहत की उम्मीद है. टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन ने अपनी समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री से राहत की मांग की हैं.
एसोसिएशन का कहना है कि होटल कारोबारियों के लिए फिक्स्ड खचों का बोझ उठाना मुश्किल हो गया हैं. इस समय पानी व बिजली केवल होटल स्टाफ इस्तेमाल कर रहा है. इस हालत में होटलों पर जल निगम की कमर्शियल दरें 35 फीसदी से भी अधिक है. वहीं, पानी के बिल चार्ज करना और उसपर 30 फीसदी सीवरेज सेस लगाना सही नहीं है. वहीं हिमाचल विद्युत बोर्ड की ओर कमर्शियल टैरिफ के ऊपर कमर्शियल एवं उद्योगिक उपभोगताओं से फिक्स्ड डिमांड चार्जर्स लगाना कोई न्याय नहीं है.
सरकार से राहत की मांग