शिमला: शहर में बरसात में बीमारियां अपने पांव पसार सकती हैं. शहर के कई क्षेत्रों में दूषित पानी की सप्लाई की जा रही है. जल निगम द्वारा शहर में भरे जा रहे पानी के सैंपल आईजीएमसी की माइक्रोबायोलॉजी लैब में फेल हो रहे हैं. शिमला में तीन जल वाटर स्टोरेज टैंकों सहित पांच सार्वजनिक नलों से लिए गए पानी के सैंपल फेल हो गए हैं. स्टोरेज टैंकों के सैंपल फेल होने से शहर में हड़कंप मच गया है. शहर में आम जनता को दूषित पानी की सप्लाई की जा रही है. हालांकि जल निगम किसी तरह की बीमारी फैलने की बात से इनकार कर रहा है और शहर में स्वच्छ पानी की सप्लाई का दावा कर रहा है, लेकिन टेस्टिंग के लिए आईजीएमसी भेजे जा रहे पानी के सैम्पल फेल हो रहे हैं.
शिमला जल प्रबंधन कंपनी की ओर से कनिष्ठ अभियंता की निगरानी में शहर से पानी के सैंपल लिए जा रहे हैं. शहर के जाखू स्टोरेज टैंक रोपवे, भराड़ी टैंक, लोंगवुड जल भंडारण टैंक से अधिकतर शहर को पानी की सप्लाई की जाती है ऐसे में इन टैंकों के सैंपल फेल होने से बरसात में बीमारियां फैलने की आंशका बढ़ गई है. जाखू के फाइव बैंचिस, बाबा बालक नाथ मंदिर के सार्वजनिक नल से लिए गया पानी का सैंपल भी फेल हो गया है. नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट का कहना है कि शहर को जलापूर्ति करने वाली गिरी पेयजल योजना में गाद से लिफ्टिंग प्रभावित हो रही है. गिरी में पिछले दस दिन से गाद की समस्या आ रही है. इससे यहां से पानी की पंपिंग नहीं हो रही है. गाद आने से शहर में मटमैला पानी आ रहा है जिससे बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ गया है.