शिमला:हिमाचल प्रदेश में लिंगानुपात लगातार नीचे गिरने पर कांग्रेस विधायक व पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने गहरी चिंता जताई है. सुक्खू ने कहा कि भाजपा सरकार लिंगानुपात सुधारने में नाकाम रही है. बीते तीन सालों में लिंगानुपात ऊपर जाने की बजाय नीचे गिरा है. 2017 में 1000 लड़कों के मुकाबले 934 लड़कियां थीं जो 2019 में कम होकर 918 रह गईं. 2018 में यह आंकड़ा 1000 लड़कों के मुकाबले 930 था.
लिंगानुपात बढ़ाने के लिए उठाए जाएं कड़े कदम
कांग्रेस विधायक ने कहा कि लिंगानुपात का नीचे गिरना बहुत ही गंभीर मामला है. लड़कियों का समानुपातिक होना सामाजिक संतुलन व विविधता के लिए बेहद जरूरी है. प्रदेश की भाजपा सरकार की लचर कार्यप्रणाली का ही नतीजा है कि लिंगानुपात बढ़ाने की दिशा में उचित कदम नहीं उठाए जा रहे.
हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड व हरियाणा लिंगानुपात के मामले में लगातार सुधार कर रहे हैं. 2017 से इन दोनों राज्यों में लिंगानुपात निरंतर बढ़ा है. उत्तराखंड 1000 लड़कों के मुकाबले 929 लड़कियों के आंकड़े को सुधारते हुए 960 पर पहुंच गया है. हरियाणा में 2018 में 1000 लड़कों के मुकाबले 914 लड़कियां थीं जो 2019 में बढ़कर 923 हो गई, जबकि हिमाचल प्रदेश में संख्या बढ़ने के बजाय कम हो रही हैं.