शिमला: प्रदेश की सुखविंदर सिंह सरकार एक बार फिर कर्ज लेने जा रही है. राज्य सरकार 800 करोड़ का कर्ज लेगी. इस वित्तीय वर्ष में यह पहली दफा है जब सुखविंदर सरकार कर्ज लेगी. इससे पहले पिछले वित्तीय राज्य सरकार करीब पांच हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है. हिमाचल की वित्तीय हालात खराब है. इसके चलते सुखविंदर सिंह सरकार कर्ज लेने के लिए मजबूर हो गई है. सुखविंदर सरकार ने 800 करोड़ का कर्ज लेने का फैसला लिया है. यह कर्ज दो अलग अलग मदों के तहत लिया जाएगा जिसमें 300 करोड़ रुपए 6 वर्ष और 500 करोड़ रुपए 8 वर्ष की अवधि तक लिए जाएंगे. इस वित्तीय वर्ष यानी 2023-24 में राज्य सरकार पहली बार यह 800 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है. हालांकि इससे बीते साल बीते साल सुखविंदर सरकार ने करीब पांच हजार करोड़ का कर्ज लिया था, लेकिन इस साल यह 800 करोड़ का पहला कर्ज है.
हिमाचल पर कर्जा 75 हजार करोड़ से पार: हिमाचल में कर्ज 75 हजार करोड़ से पार हो गया है. हालांकि कांग्रेस पहले पूर्व की जयराम सरकार पर भारी भरकम कर्ज लेने का आरोप लगाती थी, लेकिन अब जबकि राज्य में इसकी सरकार है तो वह भी कर्ज पर ही निर्भर हो रही है. भाजपा अब कांग्रेस की सरकार को कर्ज को लेकर घेर रही है तो कांग्रेस प्रदेश की वित्तीय हालत के लिए भाजपा की सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है.