शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के कॉलेजों में इस बार भी छात्र संघ चुनाव बहाल ना होने से छात्र संघ भड़क गए है. छात्र संगठनों का कहना है कि एचपीयू प्रशासन ने इस वर्ष भी छात्र संघ चुनावों पर लगाए गए प्रतिबंध को नहीं हटाया है. छात्र संघ चुनावों को प्रत्यक्ष तरीके से ना करवा कर इस बार भी मेरिट के आधार पर ही एससीए का गठन विश्वविद्यालय और कॉलेजों में करवाया जा रहा है.
छात्र संगठनों का कहना है कि बीते 6 सालों से लगातार छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है, जिसका खामियाजा अब प्रदेश सरकार और एचपीयू प्रशासन को भुगतना पड़ेगा.
छात्र संघ चुनावों पर लगे बैन को ना हटाने के विरोध में छात्र संगठन अपने आंदोलन को शुरू करेंगे. अपने इस आंदोलन के माध्यम से छात्र संगठन यह मांग सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष उठाएंगे की छात्र संघ चुनावों को बहाल किया जाए और प्रत्यक्ष तरीके से इन चुनावों को एचपीयू ओर कॉलेजों में करवाया जाए. छात्र संघ चुनावों को लेकर अपनी रणनीति छात्र संगठन बना रहे है.
एसएफआई के ईकाई अध्यक्ष विक्रम कायथ का कहना है कि छात्र संघ चुनावों की बहाली को लेकर एसएफआई एचपीयू सहित प्रदेश के कॉलेजों में अपना आंदोलन शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि एचपीयू नहीं चाहता की जो भी धांधलियां की जा रही है वह उजागर हो ऐसे में छात्र संघ चुनावों को बहाल करने से एचपीयू घबरा रहा है.