शिमला: 9 जनवरी को राष्ट्रपति ने देश के खिलाड़ियों को खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार के नवाजा. क्रिकेट वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करने वाले मोहम्द शमी ने मीडिया की महफिल लूटी लेकिन खिलाड़ियों की इस भीड़ में खाकी वर्दी पहने प्रवीण सिंह भी थे जिन्हें राष्ट्रपति ने तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहस पुरस्कार 2022 का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया. सम्मान मिलने के बाद हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर तक ने उन्हें बधाई दी है. पर्वतारोहण के क्षेत्र में मिलने वाले ये अवार्ड प्रवीण सिंह को क्यों मिला है, ये जानकर आपमें जोश भर जाएगा.
कौन हैं प्रवीण सिंह- हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से संबंध रखने वाले प्रवीण सिंह बीएसएफ में एएसआई के पद पर हैं. वो 30 दिसंबर 1993 को BSF में कॉन्स्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे. शुरू से ही पर्वतारोहण में दिलचस्पी ने उन्हें एक प्रोफेशनल पर्वतारोही बना दिया और आज वो दुनिया की सबसे ऊंची चोटियों को बौना साबित कर चुके हैं.
राष्ट्रपति से क्यों मिला सम्मान- प्रवीण सिंह को पर्वतारोहण के क्षेत्र में प्रवीन सिंह महत्वपूर्ण योगदान और साहस के लिए तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहस पुरस्कार 2022 का लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला है. प्रवीण सिंह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) और तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा (8586 मीटर) पर दो बार तिरंगा लहरा चुके हैं. प्रवीण सिंह अब तक 20 से ज्यादा हिमालयी चोटियों को फतेह कर चुके हैं.
प्रवीण सिंह एक ट्रेनर की हैसियत से 3000 से ज्यादा लोगों को हाइ एल्टीट्यूड लैंड एडवेंचर की ट्रेनिंग भी दे चुके हैं. उनसे ट्रेनिंग लेने वालों में CAPF, NPRO, NEPA और म्यांमार पुलिस के जवान भी शामिल हैं. माउंट भागीरथी-II पर बीएसएफ पैरा पर्वतारोहण अभियान के दौरान उन्होंने अपनी रस्से से दो पर्वतारोहियों की मदद की थी. प्रवीण सिंह को डीजी बीएसएफ द्वारा 6 बार प्रशस्ति पत्र भी मिल चुका है.