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हिमाचल के प्रवीण सिंह के बारे में जानकर आप भी उनके फैन हो जाएंगे, राष्ट्रपति से मिला है ये सम्मान - Khel Ratna Award

Mountaineer Praveen Singh Tenzing Norgay National Adventure Award 2022: हिमाचल के प्रवीण सिंह को राष्ट्रपति ने तेनजिंग नोर्गे अवॉर्ड से सम्मानित किया है. जिसके बाद उन्हें बधाई देने वालों की लाइन लग गई है. अनुराग ठाकुर से लेकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तक इसमें शामिल हैं. प्रवीण सिंह के बारे में जानकर आप भी उनके फैन हो जाएंगे. जानने के लिए पढ़ें

Praveen Singh Tenzing Norgay National Adventure Award 2022
Praveen Singh Tenzing Norgay National Adventure Award 2022

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 11, 2024, 1:59 PM IST

शिमला: 9 जनवरी को राष्ट्रपति ने देश के खिलाड़ियों को खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार के नवाजा. क्रिकेट वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करने वाले मोहम्द शमी ने मीडिया की महफिल लूटी लेकिन खिलाड़ियों की इस भीड़ में खाकी वर्दी पहने प्रवीण सिंह भी थे जिन्हें राष्ट्रपति ने तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहस पुरस्कार 2022 का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया. सम्मान मिलने के बाद हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर तक ने उन्हें बधाई दी है. पर्वतारोहण के क्षेत्र में मिलने वाले ये अवार्ड प्रवीण सिंह को क्यों मिला है, ये जानकर आपमें जोश भर जाएगा.

कौन हैं प्रवीण सिंह- हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से संबंध रखने वाले प्रवीण सिंह बीएसएफ में एएसआई के पद पर हैं. वो 30 दिसंबर 1993 को BSF में कॉन्स्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे. शुरू से ही पर्वतारोहण में दिलचस्पी ने उन्हें एक प्रोफेशनल पर्वतारोही बना दिया और आज वो दुनिया की सबसे ऊंची चोटियों को बौना साबित कर चुके हैं.

राष्ट्रपति से क्यों मिला सम्मान- प्रवीण सिंह को पर्वतारोहण के क्षेत्र में प्रवीन सिंह महत्वपूर्ण योगदान और साहस के लिए तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहस पुरस्कार 2022 का लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला है. प्रवीण सिंह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) और तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा (8586 मीटर) पर दो बार तिरंगा लहरा चुके हैं. प्रवीण सिंह अब तक 20 से ज्यादा हिमालयी चोटियों को फतेह कर चुके हैं.

प्रवीण सिंह एक ट्रेनर की हैसियत से 3000 से ज्यादा लोगों को हाइ एल्टीट्यूड लैंड एडवेंचर की ट्रेनिंग भी दे चुके हैं. उनसे ट्रेनिंग लेने वालों में CAPF, NPRO, NEPA और म्यांमार पुलिस के जवान भी शामिल हैं. माउंट भागीरथी-II पर बीएसएफ पैरा पर्वतारोहण अभियान के दौरान उन्होंने अपनी रस्से से दो पर्वतारोहियों की मदद की थी. प्रवीण सिंह को डीजी बीएसएफ द्वारा 6 बार प्रशस्ति पत्र भी मिल चुका है.

साल 2013 के दौरान उत्तराखंड में आई केदारनाथ आपदा के वक्त प्रवीण सिंह बीएसएफ के राहत, बचाव एवं पुनर्वास मिशन का भी हिस्सा रहे. इस दौरान कालमठ घाटी में उन्होंने बीएसएफ के राहत और पुनर्वास मिशन में अहम भूमिका निभाई थी. साल 2015 में स्वच्छ भारत, स्वच्छ हिमालय, स्वच्छ गंगा अभियान के अंतर्गत दिल्ली से गंगोत्री तक बीएसएफ स्वर्ण जयंती बाइक साइकलिंग अभियान को सफलता पूर्वक पूरा किया था.

प्रवीण सिंह को बधाई- प्रवीण सिंह को सम्मान मिलने के बाद बधाइयां मिलनी शुरू हो गई. हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने X हैंडल से उनकी तस्वीरें पोस्ट करके बधाई दी है. अनुराग ठाकुर ने प्रवीण सिंह को हिमाचल का गौरव बताया तो मुख्यमंत्री सुक्खू ने युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत कहा है. बीएसएफ ने भी अपने जाबांज सिपाही को मिले इस सम्मान पर बधाई दी है.

कौन थे तेनजिंग नोर्गे- जिन तेनजिंग नोर्गे के नाम पर भारत सरकार की ओर से ये अवार्ड दिया गया है, वो दुनिया के पहले उन दो लोगों में थे. जिन्होंने माउंट एवरेस्ट को फतेह किया था. 29 मई 1953 को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर पहली बार इंसान के पांव पड़े थे. न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी और नेपाल के शेरपा तेनजिंग नोर्गे ने उस दिन इतिहास रचा था. उन्हीं तेनजिंग नोर्गे के नाम पर भारत सरकार पर्वतारोहण के क्षेत्र में साहस के साथ शानदार उपलब्धि हासिल करने वाले पर्वतारोहियों को तेनजिंग नोर्गे पुरस्कार से नवाजती है.

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