शिमलाः देवभूमि कहे जाने वाले शांत हिमाचल प्रदेश में ट्रैफिक नियमों का खुलकर उल्लंघन होता है. राज्य सरकार को इससे प्रति वर्ष करोडों की आय भी हो रही है. यह हम नहीं बल्कि चालान के आंकड़े बोल रहे हैं. नियमों का उल्लंघन करने के लिए आए दिन हजारों के चालान होते हैं. इनमें अधिकतर चालान पुलिस मौके पर ही कर देती है, जबकि कुछ कोर्ट में भुगते जाते हैं.
ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने में हिमाचल में 90 फीसदी चालान आइडल पार्किंग यानी सड़क पर बे-तरतीव गाड़ी पार्क करने के लिए होते हैं, जिसका जुर्माना 500 रुपए से 1500 रुपए तक है.
इन नियमों के उल्लंघन पर होते हैं चालान
गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करना, सीट बेल्ट न लगाना, मोटर साइकिल पर दो से अधिक लोग सवार होना, हेलमेट न पहनना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, इमरजेंसी वाहन को साइड न देना, तेज गति से गाड़ी चलाना और वाहन इंश्योरेंस न होना.
इसके अलावा लाइसेंस एक्सपायर होने पर बिना रजिस्ट्रेशन और बिना परमिट के गाड़ी चलाना, ओवरलोडिंग, पैसेंजर गाड़ियों में क्षमता से अधिक सवारियां बिठाने पर पुलिस चालान करती है. इसके अलावा दूसरे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर भी चालान किए जाते है.
साल 2020 में चालान में 50 फीसदी गिरावट