शिमला: पूरे विश्व में हर साल 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का मकसद लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है. साथ ही इस दिवस पर लोगों को पर्यावरण के महत्व के बारे में बताया जाता है.
विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं. इस अवसर पर सीएम जयराम ने जैव विविधता को संरक्षित करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि जैव विविधता में संतुलन बनने से मानव जीवन सुरक्षित रहेगा.
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाली संस्थाओं व स्वयंसेवियों को पर्यावरण उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित करती है. इस साल भी करीब 15 संस्थाओं को ये सम्मान दिया जा रहा है.
प्रदेश के फॉरेस्ट कवर एरिया में लगातार हो रही बढ़ोतरी
विश्व पर्यावरण दिवस पर अगर हिमाचल प्रदेश की बात की जाए तो ग्रीन कवर के लिए देश-विदेश में विख्यात हिमाचल प्रदेश के फॉरेस्ट कवर एरिया में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. प्रदेश के क्षेत्रफल का 66 फीसदी से अधिक क्षेत्र वनों से ढंका है.
इंडियन स्टेट फॉरेस्ट रिपोर्ट 2019 के अनुसार राज्य के फॉरेस्ट कवर एरिया में 333.52 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, दक्षिण भारत के राज्यों के मुकाबले ये बढ़ोतरी अपेक्षाकृत कम है, लेकिन हिमाचल का पहले ही ग्रीन कवर एरिया उल्लेखनीय है.
पौधरोपण कार्यक्रमों के कारण बढ़ा फॉरेस्ट कवर एरिया
फॉरेस्ट सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2015 से फरवरी 2019 के दौरान हिमाचल प्रदेश में 959.63 हेक्टेयर वन भूमि को गैर वानिकी कार्यों के लिए परिवर्तित किया गया. प्रदेश सरकार के एक बूटा बेटी के नाम जैसे कार्यक्रम उल्लेखनीय हैं.
वर्ष 2017 की रिपोर्ट के मुकाबले राज्य में वनाच्छादित क्षेत्र में 333.52 वर्ग किलोमीटर का इजाफा हुआ है. वनाच्छादित क्षेत्र बढ़ने की वजह प्रदेश सरकार के वन विभाग के सघन पौधरोपण कार्यक्रम को माना गया है.
प्रदेश में 33,130 वर्ग किमी संरक्षित फॉरेस्ट
गौरतलब है कि हिमाचल में 2017-18 में कैंपा सहित 9725 हेक्टेयर भूभाग में पौधरोपण किया गया. वर्ष 2019 में वन विभाग ने जनता, सामाजिक संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थाओं आदि के सहयोग से 25 लाख 34 हजार से अधिक पौधों को रोपा.
रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में फॉरेस्ट एरिया 37,033 वर्ग किमी है. इसमें से 1898 वर्ग किमी रिजर्व फॉरेस्ट है. इसके अलावा 33,130 वर्ग किमी संरक्षित व 2005 वर्ग किमी अवर्गीकृत वन क्षेत्र है.राज्य में संरक्षित वन क्षेत्र में 5 नेशनल पार्क, 28 वन्य प्राणी अभ्यारण्य तथा 3 संरक्षण क्षेत्र हैं. इन क्षेत्रों में वन्य प्राणियों व प्राकृतिक वनस्पतियों को संरक्षित रखा गया है.