शिमला: देव भूमि हिमाचल जहां कल-कल करते झरने उबड़ खाबड़ रास्ते, कहीं चढ़ाई तो कहीं उतराई. ऐसे में पथरीली सड़कों पर गाड़ी चलाना खतरे से खाली नहीं रहता. ऊपर से दोपहिया वाहन चलाना और वो भी तेज रफ्तार से सीधे मौत को दावत देता है.
दोपहिया सड़क दुर्घटनाओं के मामले में हिमाचल देश भर में 22वें स्थान पर है. यहां यदि सड़क दुर्घटना पर परिवहन निदेशालय द्वारा जारी आंकड़ों को देखें तो मोटर कार सड़क दुर्घटना में पहले स्थान पर है. यानी कि हिमाचल में सबसे ज्यादा सड़क हादसे मोटर कार के हैं.
दूसरे स्थान पर सड़क दुर्घटनाएं दोपहिया गाड़ी जिसमें मोटर साइकिल व स्कूटर, स्कूटी शामिल हैं. सरकारी आंकड़ों के आधार पर 2019 में मोटर कार की 1000 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जबकि 2020 में कोरोना काल में भी सबसे ज्यादा मोटर कार की 731 हादसे हुए.
ओवर स्पीड और पिछली सीट पर बैठे व्यक्ति द्वारा असुंतलन बनाना हादसे का कारण
वहीं, दोपहिया वाहन के 2019 में 935 सड़क हादसे हुए, जबकि 2020 में 690 सड़क हादसे मोटर साइकिल के हुए हैं. जानकार लोगों का मानना है कि दोपहिया वाहन के हादसे का कारण ओवर स्पीड और पिछली सीट पर बैठे व्यक्ति द्वारा असुंतलन बनाना है. पिछली सीट पर बैठा व्यक्ति तेज रफ्तार से बाइक चलने के दौरान घबरा कर पकड़ने की कोशिश करता है जिससे बैलेन्स बिगड़ जाता है और सड़क हादसे का शिकार हो जाते हैं.
इस मामले में 2 बाइक सवार से बात की गई तो उनका कहना था कि शिमला जैसे पहाड़ी इलाकों के दोपहिया गाड़ी चलाना खतरे से खाली नहीं है, क्योंकि सर्दियों में यहां सड़क पर फिसलन भी रहती है. ऐसे में यदि सावधानी न बरती तो दुर्घटना हो सकती है. उनका कहना था कि बिना हेलमेट दोपहिया वाहन नहीं चलाने चाहिए और पीछे बैठे व्यक्ति को हेलमेट लगाना जरुरी है और तेज रफ्तार से बाइक भी नहीं चलानी चाहिए.
'अधिकतर हादसे लापरवाही से हो रहे हैं'
इस मुद्दे पर एसपी शिमला मोहित चावला ने बताया कि पहाड़ों में दो पहिया वाहन के भी अधिक संख्या में सड़क हादसे हो रहे हैं. उनका कहना था अधिकतर हादसे लापरवाही से हो रहे हैं. उनका कहना था कि पुलिस तेज रफ्तार से बाइक चलाने वालों पर शिकंजा कस रही है.
एसपी शिमला मोहित चावला का कहना है कि पुलिस हेलमेट ना पहनने वालों के चालान काट रही है. उनका कहना था की पुलिस का मसकद चालान काटना नहीं, बल्कि लोगों को सावधानी से बाइक चलाने को प्रेरित करना भी है.