रतलाम/शिमला: 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हुए हैं. हम अपने खास प्रोग्राम परीक्षा की पाठशाला और इम्तिहान का पूरा ज्ञान के जरिए छात्रों को उनके सवालों के जवाब उपलब्ध करा रहे हैं. इस क्रम में रतलाम एसपी गौरव तिवारी ने अपने शैक्षणिक अनुभव को बच्चों के साथ साझा किया. आईपीएस गौरव तिवारी ने बच्चों को परीक्षा की स्प्रिंट रेस दौड़ने की बजाय लाइफ की मैराथन रेस दौड़ने और सफल होने की सलाह दी है.
सफल होने के लिए झूठ और शॉर्टकट का सहारा नहीं लेने की सलाह भी आईपीएस गौरव तिवारी ने बच्चों को दी है. अपना उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि कक्षा नौवीं तक वो गणित विषय में कमजोर थे और जैसे-तैसे पास हो पाते थे, लेकिन औसत दर्जे के छात्र होने के बावजूद उन्होंने जेईई परीक्षा पास की और बाद में भारतीय पुलिस सेवा के लिए भी चयनित हुए.एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि 10वीं और 12वीं फाइनल डेस्टिनेशन नहीं होती है.
एसपी गौरव तिवारी ने दिए सवालों के जवाब
- छात्र परीक्षा की तैयारी कैसे करें?
- एग्जाम को किस तरह से लिया जाना चाहिए?
जवाब- जिंदगी 100 मीटर की रेस नहीं है. ये मैराथन है, इसमें आप कई बार असफल होंगे. असफलताओं का सामना करना पड़ेगा. असफलता से हिम्मत नहीं हारनी चाहिए. असफलता जीवन का अंत नहीं है. सफलता केवल असफलता के बाद ही मिलती है. असफलता को कड़ी मेहनत से सफलता में बदला चाहिए. पढ़ाई के लिए पूरी मेहनत करें. परीक्षा की तैयारी 100 प्रतिशत करें.
- कमजोर विषयों की कैसे करें तैयारी?
- पेपर देते वक्त क्या करें?