शिमला: जनजातीय जिला लाहौल स्पीति की पहाड़ियों में स्नो लेपर्ड (बर्फानी तेंदुए) देखने को मिल रहे हैं. घाटी के किब्बर चिचम के अलावा काजा के साथ सटी पहाड़ियों पर विलुप्त श्रेणी में दर्ज वन्य प्राणी बर्फानी तेंदुए दिखाई दे रहे हैं. सैकड़ों पर्यटक इन दिनों बर्फानी तेंदुओं को देखने के लिए स्पीति घाटी में पहुंच रहे हैं.
स्पीति की पिन वैली, नेशनल पार्क, चंद्रताल वाइड लाइफ सेंक्चुअरी और किब्बर वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी में स्थापित कैमरों में बर्फानी तेंदुओं की गतिविधियां कैद हो रही हैं. वन विभाग ने स्नो लेपर्ड की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए कई जगहों पर कैमरे लगाए हैं.
बता दें कि पिछले वर्ष भी स्पीति घाटी में करीब 35 तेंदुए कैमरे में कैद हुए थे. विलुप्त हो रही प्रजाति में शामिल बर्फानी तेंदुओं की तादाद बढ़ने के पीछे ठंडे क्षेत्रों में पाए जाने वाले आइबेक्स और ब्लूशिप जैसे जानवरों की संख्या बढ़ना है. यह जानवर इन चरागाहों में काफी संख्या में पाए जाते हैं.
वन विभाग ने 2012 में प्रोजेक्ट स्नो लैपर्ड के जरिए बर्फानी तेंदुओं के प्राकृतिक आवास को संरक्षित रखने का प्रयास शुरू किया था, तब इस घाटी में मात्र चार बर्फानी तेंदुए देखे गए थे, लेकिन अब स्पीति के बाहर लाहौल घाटी में भी इनकी संख्या बढ़ रही है.