शिमला: हिमाचल प्रदेश में लगातार गर्मी बढ़ती जा रही है. ऐसा होना कोई बड़ी बात नहीं है. लेकिन फरवरी के महीने में जून जैसी गर्मी होने से चिंता होना स्वाभाविक है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में न्यूनतम तापमान ने 8 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. मौसम विभाग के मुताबिक राजधानी शिमला में 18 फरवरी को न्यूनतम तापमान 14.4 दर्ज किया गया. ऐसे में शनिवार 18 फरवरी की रात सबसे गर्म रही.
गौरतलब है कि राजधानी शिमला में इस साल सीजन के दौरान एक बार भी बर्फबारी नहीं हुई है. स्नोफॉल कम होने से प्रदेश में इस बार गर्मी ज्यादा होने की संभावना जताई जा रही है. ऐसे में इससे आने वाले दिनों में पानी का संकट भी गहरा सकता है. वहीं, पहाड़ों की रानी शिमला में ठंडक लेने पहुंच रहे टूरिस्ट भी गर्मी से परेशान हैं. राजधानी शिमला में दिन के समय लोग T-shirt में घूमते नजर आ रहे हैं. फरवरी महीने में गर्मी से राहत पाने के लिए टूरिस्ट औ स्थानीय लोग आइसक्रीम (सॉफ्टी) का मजा लेते नजर आ रहे हैं. पिछलों सालों की बात की जाए तो इस महीने में लोग गर्म कपड़ों में नजर आते थे.
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि यह ग्लोबल वार्मिंग का असर लग रहा है. क्योंकि ये काफी चिंता का विषय है कि फरवरी की महीने में इतनी गर्मी पड़ रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि किताबों में पर्यावरण के बारे में पढ़ने से कुछ नहीं होगा जब तक हम इसे हकीकत में फॉलो नहीं करते हैं. हमें पर्यावरण के बचाने वालों बातों को अपने व्यवहार में लाना पड़ेगा. रिज मैदान पर पर्यावरण के बारे में लेक्चर दे दिए या फिर फीते काट दिए इनसे कुछ नहीं होने वाला है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अब नए घरों में पंखे लगने शुरू हो चुके हैं. जो पहले के सालों में कल्पना मात्र थे क्योंकि शिमला में बहुत बर्फ पड़ती थी और पंखें और कूलरों के लिए घरों में कोई प्वांइट भी नहीं रखा जाता था. लेकिन अब हालात विपरीत हैं.