शिमला:स्वच्छता सर्वेक्षण में पहाड़ों की रानी ने लंबी छलांग लगाई है. हालांकि, टॉप 20 में शिमला शहर जगह नहीं बना पाया है. देश भर में शिमला शहर की रैंकिंग 2019 में 128 थी. वहीं, इस बार 65वें स्थान पर पहुंच गया है. शिमला शहर को 3,695 अंक मिले हैं.
केंद्र सरकार ने गुरुवार को स्वच्छता सर्वेक्षण का परिणाम घोषित किया है. इसमें शिमला की स्वच्छता रैंकिंग में काफी सुधार हुआ है. देश के 4,242 शहरों में शिमला का जहां 65वां स्थान है. वहीं, प्रदेश के 54 शहरों में से शिमला पहले नंबर पर है. शिमला शहर की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार हुआ है, लेकिन नगर निगम इससे संतुष्ट नहीं है.
नगर निगम को इस बार टॉप 20 में आने की उम्मीद थी. नगर निगम के इस बार स्वच्छता रैंकिंग में कम अंक आने का कारण शहर में डस्टबिन और शहर के सार्वजनिक स्थलों पर सफाई व्यवस्था न होना बताया गया है. नगर निगम के संयुक्त आयुक्त अजीत भारद्वाज ने कहा कि पिछले साल शिमला 128वें स्थान पर था, लेकिन इस बार इसकी रैंकिंग में सुधार हुआ है और शिमला 65वें स्थान पर पहुंच गया है.
अजीत भारद्वाज ने कहा कि शिमला को स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम की उम्मीदों के विपरीत अंक मिले हैं. इस बार टॉप 20 में स्थान मिलने की उम्मीद थी, लेकिन कुछ कमियां रही हैं. उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के दौरान शिमला में बर्फबारी हुई थी. इस कारण भी टीम को निगम अपनी सफाई व्यवस्था के तरीके नहीं दिखा पाया. साथ ही शहर में सार्वजनिक स्थानों पर डस्टबिन न लगे होने और कुछ स्थानों पर सफाई व्यवस्था न होने से अंक कटे हैं.
इसके अलावा डोर टू डोर कूड़ा एकत्रित करने के लिए देश भर में अच्छे अंक मिले हैं. शहर में नाइट स्वीपिंग शुरू की गई थी. नगर निगम की तैयारी के हिसाब से अंक नहीं मिले हैं, लेकिन अगले सर्वेक्षण के लिए नगर निगम तैयारी करेगा और अच्छे अंक हासिल करेगा.
बता दें कि केंद्र सरकार ने गुरुवार को स्वच्छ्ता सर्वेक्षण का परिणाम घोषित किया. इसमें इंदौर लगातार चौथी बार सबसे स्वछ शहर में पहले स्थान पर है. शिमला ने भी स्वच्छ्ता सर्वेक्षण की रैंकिंग में सुधार किया है. हिमाचल जहां बीते साल 28 राज्यों में 20 नंबर पर था. वहीं इस बार छठे नंबर पर आया है.
ये भी पढ़ें:अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी की गाड़ी का कटा चलान