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इंटरस्टेट रूट पर बस चलाने वाली पहली महिला ड्राइवर बनीं सीमा, पिता के साथ पहली बार थामा था स्टेयरिंग

एचआरटीसी की पहली महिला बस ड्राइवर सीमा के सपने अब धीरे धीरे साकार हो रहे हैं. सीमा ठाकुर ने हिमाचल से बाहर दूसरे राज्य तक बस चलाने का अपना सपना साकार कर लिया है. पहली बार सीमा इंटरस्टेट रूट पर हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस चला रही हैं. . लंबे समय से सीमा ठाकुर इस दिन का इंतजार कर रही थी कि उन्हें अन्य पुरुष ड्राइवरों की तरह ही इंटरस्टेट बस चलाने की अनुमति दी जाए.

seema thakur
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Published : Apr 1, 2021, 3:40 PM IST

Updated : Apr 1, 2021, 4:45 PM IST

शिमला: एचआरटीसी की पहली महिला बस ड्राइवर सीमा के सपने अब धीरे धीरे साकार हो रहे हैं. सीमा ठाकुर ने हिमाचल से बाहर दूसरे राज्य तक बस चलाने का अपना सपना साकार कर लिया है. पहली बार सीमा इंटरस्टेट रूट पर हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस चला रही हैं.

सीमा को इंटरस्टेट बस चलाने की मिली परमिशन

सीमा को शिमला से चंडीगढ़ रूट पर बस चलाने का मौका दिया गया है और यह पहला अवसर है जब एक महिला इंटरस्टेट रूट पर अपनी ड्राइविंग का हुनर दिखा रही है. लंबे समय से सीमा ठाकुर इस दिन का इंतजार कर रही थी कि उन्हें अन्य पुरुष ड्राइवरों की तरह ही इंटरस्टेट बस चलाने की अनुमति दी जाए. अब उनका यह सपना साकार हुआ है और सीमा अन्य पुरुष ड्राइवरों की तरह ही इंटरस्टेट रूट पर बस चला रही हैं.

वीडियो देखें.

दिल्ली वॉल्वो बस चलाना चाहती हैं सीमा

31 वर्षीय सीमा ठाकुर हिमाचल की पहली महिला हैं जो एचआरटीसी में बतौर बस ड्राइवर अपनी सेवाएं दे रही हैं. अभी सीमा शिमला से सोलन के रूट पर इलेक्ट्रिक बस चला रही थी. उनकी मांग थी कि उन्हें शिमला से दिल्ली वॉल्वो बस चलाने का अवसर दिया जाए, लेकिन कुछ एक दिक्कतों के चलते उन्हें यह अवसर नहीं दिया जा रहा था. हालांकि अब सीमा की काबलियत को देखते हुए उन्हें चंडीगढ़ तक बस चलाने का अवसर मिल पाया है.

पिता के साथ पहली बार थामा बस का स्टेयरिंग

सीमा ठाकुर को लंबे समय तक जहां शिमला के लोकल रूट पर चलने वाली टैक्सी में बतौर ड्राइवर तैनात रही. इसके बाद शहर में बस चलाने का अवसर सीमा को दिया गया. सीमा ने शिमला से सोलन रूट पर इलेक्ट्रिक बस चलाई. जिला सोलन के अर्की में दुधाना गांव की 31 वर्षीय सीमा ठाकुर ने बताया कि उन्होंने अपने पिता के साथ ही पहली बार बस का स्टेयरिंग थामा और बस को चलाना सीखा. उस समय सीमा के मन में यह ख्याल आता था कि बसों को महिलाएं क्यों नहीं चलाती हैं. सीमा ने शौक को ही अपना जुनून बना लिया. जैसे-जैसे सीमा बड़ी हुई तो उन्होंने ठान लिया कि वह एचआरटीसी में बतौर महिला चालक अपनी सेवाएं देंगी और जो अभी तक नहीं हुआ उसे संभव करके दिखाएंगी.

एचआरटीसी में टैक्सी चलाने से की शुरूआत

पहले सीमा ने हैवी व्हीकल लाइसेंस बनवाया और फिर एचआरटीसी में निकली चालक की भर्ती के लिए आवेदन किया. टेस्ट पास करने के बाद भी उन्हें 5 मई 2016 को एचआरटीसी में बतौर चालक जॉइनिंग देने के बाद भी बस ना देकर टैक्सी चलाने को दी गई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उनकी मेहनत ही है कि फरवरी 2018 में उन्हें एचआरटीसी की बस शिमला से सोलन के लिए चलाने को दी गई और वर्तमान समय में वह शिमला के लोकल रूट पर ही एसआरटीसी की 42 सीटर बस चला रही थीं. सीमा कहती हैं कि वे अपने बस चलाने के अपने को जी रही हैं.

जल्द दिल्ली वोल्वो बस चलाती नजर आएंगी सीमा

सीमा ने कहा कि वो HRTC में पिछले 5 वर्षों से अपनी सेवाएं देती आ रही हैं और शिमला में इलेक्ट्रिक बस वो काफी लम्बे समय से चला रही हैं. ऐसे में अब जब बाहरी राज्यों के लिये बस चलाने का जिम्मा उन्हें मिला है तो उससे वो काफी खुश हैं. सीमा ने कहा कि अगर कुछ करने का दृढ़ संकल्प हो तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है. अब उनका अगला लक्ष्य वोल्वो बस चलाने का है और उन्होंने दावा किया है कि बहुत जल्द वो शिमला से दिल्ली वोल्वो बस चलाती नजर आयेंगी.

सीमा की ड्राइविंग देख सभी हैरान

वहीं, बस के परिचालक महिंद्र का कहना है कि सीमा ठाकुर ने शिमला से चंडीगढ़ और चंडीगढ़ से वापस शिमला परिवहन निगम की बस लाई है. उनके साथ सफर करते हुए उन्हें जरा भी डर नहीं लगा. जिस तरह से पहले बस चलाती थी, वैसे ही अब बस चलाई है. वहीं, चंडीगढ़ से शिमला पहुंचे यात्रियों का कहना है कि सीमा ठाकुर को बस चलाता देख हर कोई हैरान है और वे काफी अच्छे तरीके से बस चलाती हैं.

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Last Updated : Apr 1, 2021, 4:45 PM IST

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