शिमला:एचआरटीसी की पहली महिला बस ड्राइवर सीमा के सपने अब धीरे धीरे साकार हो रहे है. सीमा ठाकुर ने हिमाचल से बाहर दूसरे राज्य के लिए बस चलाने का अपना सपना साकार कर लिया है. आज पहली बार सीमा इंटरस्टेट रूट पर हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस चला रही हैं.
सीमा को शिमला से चंडीगढ़ रूट पर बस चलाने का मौका दिया गया है और यह पहला अवसर है जब वह इंटरस्टेट रूट पर अपनी ड्राइविंग का हुनर दिखाएगी. लंबे समय से सीमा ठाकुर इस दिन का इंतजार कर रही थी कि उन्हें अन्य पुरुष ड्राइवरों की तरह ही इंटरस्टेट बस चलाने की अनुमति दी जाए अब उनका यह सपना साकार हुआ है और सीमा अन्य पुरुष ड्राइवरों की तरह ही इंटरस्टेट रूट पर बस चला रहे हैं.
31 वर्षीय सीमा ठाकुर हिमाचल की पहली महिला है जो एचआरटीसी में बताओ बस ड्राइवर अपनी सेवाएं दे रही हैं. अभी सीमा शिमला से सोलन के रूट पर इलेक्ट्रॉनिक बस चला रही थी. उनकी मांग थी कि उन्हें शिमला से दिल्ली वॉल्वो बस चलाने का अवसर दिया जाए, लेकिन कुछ एक दिक्कतों के चलते उन्हें यह अवसर नहीं दिया जा रहा था.
सुबह 7:55 पर बस लेकर चंडीगढ़ की लिए रवाना हुई
हालांकि अब सीमा की काबलियत को देखते हुए उन्हें चंडीगढ़ तक बस चलाने का अवसर मिल पाया है. इस मौके के तहत सीमा आज सुबह 7:55 पर बस लेकर चंडीगढ़ की लिए रवाना हुई हैं. सीमा ठाकुर को लंबे समय तक जहां शिमला के लोकल रूट पर चलने वाली टैक्सी में बतौर ड्राइवर तैनात रही तो इसके बाद ने शहर में बस चलाने का अवसर सीमा को दिया गया.
इसके बाद सीमा ने शिमला से सोलन रूट पर इलेक्ट्रिक बस चलाई. सभी तरह की मुश्किलों को पार करते हुए भी आज सीमा ने इंटरस्टेट रूट पर भी बस चला कर अपनी प्रतिभा को साबित कर दिया है.
जिला सोलन के अर्की में दुधाना गांव की 31 वर्षीय सीमा ठाकुर ने बताया कि पापा के साथ ही सीमा ने पहली बार बस का स्टेरिंग थामा ओर फिर बस चलाना सीखा. उस समय सीमा के मन मे यह ख्याल आता था कि बसों को महिलाएं क्यों नहीं चलाती है.