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शिमला में 7 माह बाद खुले स्कूल...ना बजी घंटी...ना खुला बच्चों का लंच बॉक्स - हिमाचल प्रदेश न्यूज

शिमला के आदर्श कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर में स्कूल खुलने के पहले दिन स्कूल में सुबह 9:30 बजे से ही स्टाफ आना शुरू हो गया था. 10 बजे तक 50 फीसदी स्टाफ स्कूलों में पहुंच गया. वहीं, चार छात्राएं भी पहले ही दिन स्कूल में शिक्षकों से डाउट क्लियर करने के लिए पहुंची थी.

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Published : Sep 21, 2020, 5:48 PM IST

Updated : Oct 4, 2020, 5:33 PM IST

शिमला: सरकार के आदेशों के बाद हिमाचल प्रदेश के स्कूल खुल गए हैं. स्कूल खुलते ही 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ ही कुछ बच्चे भी पहले ही दिन शिक्षकों से परामर्श लेने के लिए पहुंचे हुए थे. स्कूल खुलने से पहले ही स्कूल प्रबंधन ने पूरी व्यवस्था कर रखी थी.

शिमला के आदर्श कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर के स्कूल परिसर में सफाई के साथ सेनिटाइजेशन की प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया गया था. स्कूल में सुबह 9:30 बजे से ही स्टाफ आना शुरू हो गया था. 10 बजे तक 50 फीसदी स्टाफ स्कूलों में पहुंच गया.

स्कूल स्टाफ और छात्रों की गेट पर ही थर्मल स्केनिंग की गई और हाथ सेनिटाइज करवाए गए. तापमान सामान्य होने के बाद ही उन्हें स्कूल में प्रवेश दिया गया. वहीं, स्कूल पहुंचने वाली छात्राएं अपने अभिभावकों का अनुमति पत्र लेकर ही स्कूल पहुंची थी. अभी अभिभावक कोरोना के इस सकंट के बीच में अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं, यही वजह रही की पहले दिन कुछ एक छात्राएं ही स्कूल पहुंची. छात्राओं की पढ़ाई से संबंधित समस्याओं को दूर कर इन्हें वापस घर भेज दिया गया.

वीडियो.

स्कूल प्रिंसिपल ने तैयारी के बारे में दी जानकारी

स्कूल के प्रिंसिपल नरेंद्र सूद ने बताया कि आज से सरकार के निर्देशों के तहत स्कूल खोल दिए गए हैं. शुरुआत में 50 फीसदी स्टाफ स्कूलों में बुलाया गया है. वहीं, अगला रोस्टर तैयार कर दिया गया है, जिसके अनुसार शिक्षक और गैर शिक्षकों को स्कूल बुलाया जाएगा.

इसके अलावा गेट पर ही थर्मल स्कैनिंग और सेनिटाइजर का प्रावधान कर दिया गया है. कैंपस सहित क्लास और स्टाफ रूम सेनिटाइज किए गए हैं. इसके लिए अपनी ही मशीनरी स्कूल प्रबंधन के सहयोग से खरीदी गई है. अभिभावकों और छात्रों को भी व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से अवगत करवाया गया है.

स्कूल पहुंची छात्राओं ने साझा किया अनुभव

स्कूल पहुंची छात्राओं ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान कुछ विषय और पठन सामग्री को समझने में उन्हें परेशानी हो रही थी. इन विषयों पर अध्यापकों के साथ चर्चा करने के लिए उन्हें स्कूल आना पड़ा. छात्राओं ने बताया कि उनके अभिभावक उन्हें स्कूल भेजने को लेकर चिंतित थे. सोशल डिस्टेंसिंग की पालना, मुंह पर मास्क लगाने, समय-समय पर हाथों को सेनिटाइज करने की हिदायत देकर ही उन्हें घर से स्कूल भेजा गया है.

इन नियमों का करना होगा पालन

तय एसओपी के तहत छात्रों को स्कूल कैंपस में एकत्र नहीं होने दिया जाएगा, ना ही खेलकूद जैसी गतिविधियां और प्रार्थना करवाई जाएगी. जिस छात्र को जुकाम, खांसी और फ्लू, बुखार जैसे लक्षण हैं, उन्हें स्कूल में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी. अगर कोई बच्चा बीमार महसूस करता है, तो उसकी तुरंत जानकारी अधिकारियों और शिक्षकों को देनी होगी. इसके साथ ही कैंपस में साफ सफाई की व्यवस्था का भी पूरा प्रबंध किया जाएगा. शनिवार और रविवार को स्कूलों में इसके लिए विशेष सफाई अभियान चलाया जाएगा. बायोमेट्रिक पर शिक्षकों और गैर शिक्षकों की हाजिरी नहीं लगाई जाएगी.

Last Updated : Oct 4, 2020, 5:33 PM IST

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