शिमलाः हिमाचल प्रदेश में बेसहारा पशुओं की सेवा के लिए किए जा रहे सभी दावे हकीकत में खोखले नजर आ रहे हैं. प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी आवारा पशु सड़कों पर घूमते नजर आ रहे हैं और इस दौरान इन बेजुबान पशुओं की रक्षा करने वाले व गौ रक्षा के नाम पर धौंस जमाने वाले भी कंही नजर नहीं आते है.
शिमला के उपमंडल ठियोग की कयारटू पंचायत में इन दिनों ये आवारा पशु सर्दी में ठिठुरने को मजबूर हैं और इन पशुओं की वजह से गांव के लोग भी परेशान हैं. एक तरफ जहां बेसहारा पशु गांव वालों की फसलों को तबाह करते हैं. वहीं, इनकी वजह से गांव में तनाव का भी माहौल बन गया है, लेकिन फिर भी गांव वाले इनके लिए घास जुटाकर इनके जीवित रहने का प्रबंध करते हैं.