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हिमाचल सचिवालय के इस कमरे में बैठने वाले मंत्री हारे अगला चुनाव, अब राजेश धर्माणी को मिला कमरा नं 202 - हिमाचल सचिवालय का कमरा नंबर 202

Himachal Cabinet minister Rajesh Dharmani Got Room Number 202 in Secretariat : हिमाचल प्रदेश के नए नवेले मंत्री राजेश धर्माणी को सचिवालय में ऑफिस अलॉट हो गया है. लेकिन जिस कमरे में ये ऑफिस है उसका इतिहास मंत्रियों के लिए ठीक नहीं रहा है. इस तथाकथित अपशकुन का खामियाजा जेपी नड्डा समेत कई बड़े चेहरों ने भुगता है. आखिर क्या है इस कमरे से जुड़ा मिथक और कौन-कौन से चेहरों ने भुगता अंजाम. जानने के लिए पढ़ें ये दिलचस्प स्टोरी

राजेश धर्माणी को मिला कमरा नंबर 202
राजेश धर्माणी को मिला कमरा नंबर 202

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 13, 2023, 2:12 PM IST

Updated : Dec 13, 2023, 2:17 PM IST

राजेश धर्माणी को मिला कमरा नंबर 202

शिमला :हिमाचल प्रदेश में करीब एक साल बाद मंगलवार को कांग्रेस की सरकार का कैबिनेट विस्तार हुआ. दो नए मंत्रियों को टीम सुक्खू में जगह मिली लेकिन इनमें से एक मंत्री राजेश धर्माणी को राज्य सचिवालय में वो कमरा मिला है जिसे 'अपशगुनी' कहा जाए तो गलत नहीं होगा. इस कमरे में बैठने वाले मंत्रियों का इतिहास तो यही बताता है. कौन सा है वो कमरा और क्या है वो अपशगुन ?

कमरा नंबर 202 का अपशगुन-हिमाचल की राजधानी शिमला में स्थित राज्य सचिवालय की दूसरी मंजिल का ये कमरा अब सुक्खू कैबिनेट के नए मंत्री राजेश धर्माणी का होगा. मंगलवार को शपथ ग्रहण के बाद बुधवार सुबह राजेश धर्माणी ने कमरा नंबर 202 में पूजा पाठ कराया और अपनी कुर्सी संभाली. अब यही कमरा मंत्री के रूप में राजेश धर्माणी का दफ्तर होगा. मौजूदा सरकार में अब तक ये कमरा खाली पड़ा था. दरअसल ये कमरा मंत्रियों के लिए अपशगुन लेकर आत है. ये हम नहीं बल्कि इस कमरे का इतिहास कहता है. मंत्री कितना भी बड़ा और कद्दावर क्यों ना हो, कमरा नंबर 202 में बैठने के बाद अगले चुनाव में उसकी हार हो जाती है.

मंगलवार को राजेश धर्माणी को राज्यपाल ने दिलाई थी मंत्री पद की शपथ

इस कमरे में बैठने के बाद मंत्री के चुनाव हारने का ये सिलसिला नया नहीं बल्कि पिछले करीब 25 साल से चला आ रहा है. जैसे हिमाचल प्रदेश में 1985 के बाद कोई भी दल सरकार रिपीट नहीं कर पाया है और हर 5 साल में सत्ता बीजेपी और कांग्रेस के पाले में आती-जाती रही है. ठीक वैसे ही साल 1998 से इस कमरे में बैठने वाला मंत्री अगली बार विधायक तक नहीं बन पाया है.

जयराम सरकार के ये मंत्री हारे थे- गौरतलब है कि पूर्व की जयराम सरकार के दौरान कमरा नंबर 202 कैबिनेट मंत्री रामलाल मारकंडा का दफ्तर था. जब उन्हें ये कमरा अलॉट हुआ था तो कमरे से जुड़े अपशगुन या अभिशाप को लेकर हो रही बातों को दरकिनार करते हुए उन्होंने कहा था कि वो इतिहास और इस तरह के अभिशाप पर भरोसा नहीं करते. बीजेपी चुनावी साल 2022 में रिवाज बदलने की रट लगाए रही और मंत्री से लेकर विधायक तक भी सरकार रिपीट करने का दावा करते रहे लेकिन 8 दिसंबर को आए नतीजों में ना तो बीजेपी सत्ता में आई और ना ही रामलाल मारकंडा चुनाव जीत पाए.

रामलाल मारकंडा, सुधीर शर्मा और नरेंद्र बरागटा भी हारे थे चुनाव

जेपी नड्डा से लेकर आशा कुमारी तक हारी चुनाव- इस कमरे से जुड़ा तथाकथित 'अपशगुन' वो नेता भी झेल चुके हैं जो आज सियासत के नामी चेहरे हैं. सरकार किसी भी पार्टी की रही हो इस कमरे में बैठने वाला मंत्री अगली बार विधायकी रिपीट नहीं कर पाया. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सियासी पारी हिमाचल से शुरू हुई थी. साल 1998 में जब वो दूसरी बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे तो प्रेम कुमार धूमल की कैबिनेट में उन्हें स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी के साथ कमरा नंबर 202 भी मिला. इसके बाद से ही कमरा नंबर 202 से जुड़ा अभिशाप जारी है. जेपी नड्डा 5 साल मंत्री रहे और 2003 में अगला चुनाव बिलासपुर से हार गए.

कमरा नंबर 202 में बैठने के बाद जेपी नड्डा और आशा कुमारी भी हारे चुनाव

आशा कुमारी आज कांग्रेस की कद्दावर नेता मानी जाती हैं. जेपी नड्डा के बाद कमरा नंबर 202 आशा कुमारी को ही अलॉट हुआ था. साल 2003 में कांग्रेस सत्ता में लौटी तो आशा कुमारी को शिक्षा मंत्री के नाते ये कमरा मिला था लेकिन जमीन से जुड़े एक मामले में उन्हें साल 2005 में मंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ी और 2007 के विधानसभा चुनाव में वो भी अपनी विधायकी रिपीट नहीं कर पाईं.

ना रिवाज बदला ना कमरा नंबर 202 का 'अभिशाप'- हिमाचल में चला आ रहा 5 साल में सरकार बदलने का रिवाज नई सदी में भी जारी था. 2007 में सत्ता का ताज कांग्रेस के हाथ से फिसलकर बीजेपी की झोली में आया. धूमल दूसरी बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने और इस बार कमरा नंबर 202 नरेंद्र बरागटा के हिस्से आया. जिन्हें बीजेपी सरकार में बागवानी मंत्री की जिम्मेदारी मिली थी. उनके लिए भी ये कमरा श्राप ही साबित हुआ और 2012 में सत्ता बीजेपी से कांग्रेस में चली गई और विधायकी नरेंद्र बरागटा के हाथ से चली गई.

कमरा नंबर 202 में जो भी मंत्री बैठा वो अगला चुनाव हार गया

2012 में वीरभद्र सिंह फिर सत्ता में लौटे तो धर्मशाला से युवा विधायक सुधीर शर्मा को मंत्री बनाया. शहरी विकास मंत्री के रूप में उन्हें कमरा नंबर 202 मिला और 5 साल बाद फिर से सत्ता बदलने के साथ-साथ इस कमरे में बैठने वाले मंत्री के हारने का रिवाज भी जारी रहा.

राजेश धर्माणी और कमरा नंबर 202- अब हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार है. 2022 में सत्ता बदलने का रिवाज जारी रहा है और बीजेपी हारकर सत्ता से बाहर हो गई. करीब एक साल तक कमरा नंबर 202 खाली रहा और कैबिनेट विस्तार के बाद ये कमरा राजेश धर्माणी को मिला है. इस बार कांग्रेस सरकार व्यवस्था परिवर्तन का दावा कर रही है. अगले विधानसभा चुनाव में हिमाचल में रिवाज बदलेगा या नहीं ? इस सवाल के जवाब के साथ-साथ लोगों की दिलचस्पी इस बात में भी होगी कि कमरा नंबर 202 का तथाकथित अभिशाप कायम रहता है या फिर राजेश धर्माणी इस मिथक को तोड़ देंगे.

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Last Updated : Dec 13, 2023, 2:17 PM IST

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