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'किसान-बागवानों के समर्थन में शिमला को दिल्ली बनते नहीं लगेगी देर, सरकार होगी जिम्मेदार' - rakesh tikait statement

बागवानों के समर्थन से पूरे देश में बड़े आंदोलन की हुंकार किसान नेता राकेश टिकैत ने शिमला से भर दी है. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली में 9 महीने से ज्यादा समय से किसान आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार किसानों की बात मानने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला ठंडी जगह है, लेकिन यहां के मौसम को गर्म करने में समय नहीं लगेगा. जिस प्रकार दिल्ली में किसान डटे हैं, उसी तरह शिमला को दिल्ली बनने में देर नहीं लगेगी.

किसान नेता राकेश टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत

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Published : Aug 28, 2021, 5:03 PM IST

शिमला: सेब की कीमतों में लगातार आ रही गिरावट के बाद प्रदेश के किसानों बागवानों के समर्थन में किसान नेता राकेश टिकैत हिमाचल के दौरे पर हैं. बागवानों के समर्थन से पूरे देश में बड़े आंदोलन की हुंकार राकेश टिकैत ने शिमला से भर दी है. इस दौरान राष्ट्रीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार अगर किसानों बागवानों के हितों में फैसले नहीं लेती है तो शिमला को दिल्ली बनते हुए देर नहीं लगेगी.

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली में 9 महीने से ज्यादा समय से किसान आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार किसानों की बात मानने को तैयार नहीं है. टिकैत ने कहा कि अब हिमाचल के सेब में आई गिरावट अडानी के द्वारा प्रदेश में बनाये कोल्ड स्टोर है. अभी बागवानों से सस्ते सेब खरीद कर स्टोर करके दोगुने रेट पर बेचे जाएंगे. उन्होंने कहा कि सेब बागवानों को बेमौसमी बारिश से भी नुकसान हुआ है. इसलिए वह यहां के किसानों का दर्द जानने आये हैं.

टिकैत ने कहा कि उद्योगपति किसानों की जमीनें हड़पना चाहते हैं. इसलिए यह साजिश रची जा रही है. प्रदेश के किसान इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं. इनके हितों की रक्षा के लिए बड़ा आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब तक तीन काले कानून वापस नहीं लिए जाते हैं, उनका आंदोलन जारी रहेगा. सेब के दामों में गिरावट कांट्रेक्ट फार्मिंग का ही उदाहरण है.

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राकेश टिकैत ने कहा कि अडानी ने किसानों से सस्ते दामों पर सेब खरीदा और फिर महंगे दामों में मार्केट में उतारा. इन कानूनों से विदेश में भी किसान बर्बाद हो गए हैं. टिकैत ने कहा कि जब तक तीन काले कृषि कानूनों को सरकार वापस नहीं लेती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला ठंडी जगह है, लेकिन यहां के मौसम को गर्म करने में समय नहीं लगेगा. जिस प्रकार दिल्ली में किसान डटे हैं, उसी तरह शिमला को दिल्ली बनने में देर नहीं लगेगी.

अगर बड़े व्यापारियों के कोल्ड स्टोर तोड़े जाते हैं तो उसकी जिम्मेदारी किसान की नहीं होगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार किसी एक पार्टी की नहीं है, बल्कि पूंजीपतियों की सरकार है. इसलिए ऐसा षड्यंत्र हो रहा है.

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