शिमला: कोरोना संकट की इस घड़ी में प्रदेश के डाक कर्मियों ने जरूरतमंदों के घर द्वार पहुंचकर सेवाएं मुहैया करवाई है. डाक कर्मियों ने प्रदेश के रेड जोन में पीपीई किट पहनकर वृद्धजनों, दिव्यांगों और विधवा महिलाओं तक उनकी पेंशन पहुंचाई. अब यही एग्जिट प्लान देशभर में लागू किया गया है, जिससे देशभर में कोविड- 19 के संकट के समय में लोगों तक आवश्यक सेवाएं पहुंचाई जा सके और जरूरतमंदों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े.
इस संकट के समय में डाक कर्मियों ने प्रदेश भर में लोगों के लिए मसीहा बनकर उन तक अपनी सेवाएं पहुंचाई है. डाक कर्मियों ने लाखों की संख्या में लोगों तक न केवल उनकी पेंशन पहुंचाने का काम किया है, बल्कि आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी भी की है. यहां तक कि दवाईयां भी लोगों को उनके घर द्वार तक पहुंचाई है. प्रदेश में सभी डाकघरों में डाक कर्मी यह सेवाएं लोगों को दे रहे हैं.
बता दें कि प्रदेश में 3. 85 लाख वृद्ध लोगों को लगभग 154. 24 करोड़ रुपये की पेंशन सुविधा प्रदान की गई है. वहीं 1.20 लाख के करीब विधवाओं को भी 40.21 करोड़ रुपये की सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान करने के साथ ही 63,495 के करीब दिव्यांगजनों को 23 करोड़ रुपये की सामाजिक सुरक्षा पेंशन जारी की गई है. डाक विभाग की ओर से किया जा रहा है यह कार्य कोविड-19 के संकट के समय में लोगों के लिए राहत बना है.
ऊना के एग्जिट प्लान की राज्यपाल ने की सराहना
प्रदेश के ऊना जिला में बुजुर्गों, दिव्यांगों सहित सभी लोगों को यह पेंशन घर द्वार पहुंचाने के लिए बनाए गए एग्जिट प्लान की प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने भी सराहना की है. ऊना में गाड़ियों के माध्यम से चार चलते-फिरते डाकघर चलाए गए हैं. वहीं, ऊना में जो क्षेत्र कोविड की दृष्टि से ज्यादा संवेदनशील थे, वहां पर डाक कर्मियों ने पीपीई किट पहनकर भी बुजुर्गों तक उनकी पेंशन पहुंचाने का काम किया. राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने पीटीईटी पहनकर हॉटस्पॉट क्षेत्र में पेंशन वितरण करने वाले कर्मचारी सुरेश कुमार को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करने की बात कही है.