शिमला: हजारों करोड़ों के कर्ज में डूबी जयराम सरकार फिजूलखर्ची करने में जुटी है. विभागों में बिना मतलब के लग्जरी गाड़ियों की खरीद हो रही है. प्रदेश की जनता का पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है. जयराम सरकार में नंबर दो के मंत्री के बेटे पर एक लग्जरी सरकारी गाड़ी के इस्तेमाल के आरोप लगे हैं.
नईं गाड़ियों की खरीद को लेकर कांग्रेस ने भी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने की नसीहत दी है. कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि प्रदेश पहले ही कर्ज में डूबा है. कोरोना के चलते आर्थिक संकट से प्रदेश जूझ रहा है और प्रदेश सरकार मंहगी लग्जरी गाड़ियां खरीदने में लगी है.
राठौर ने कहा कि जो पैसा प्रदेश के विकास पर खर्च होना था उसे ये सरकार अपनी अय्याशी पर खर्च कर रही है. प्रदेश में विकास कार्य पर सरकार पैसा खर्च करने के बजाय अपने अधिकारियों और मंत्रियों के लिए मंहगी गाड़ियां खरीदी रही है.
कोरोना के संकट में सरकार ने जरूरतमंदों की कोई सहायता नहीं की और केंद्र से भी कोई मदद प्रदेश को नहीं मिली है. मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि केंद्र की ओर से हिमाचल को कितनी राहत राशि मिली. कोविड केयर के नाम पर पैसा इकट्ठा किया गया इसकी जानकारी भी दी जानी चाहिए.
राठौर ने कहा कि बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ने ही दस करोड़ देने की बात कही है. रिलीफ फंड में कितना पैसा इकट्ठा हुआ और कहां खर्च किया गया इसे लेकर प्रदेश सरकार विधानसभा में श्वेत पत्र जारी करे. प्रदेश और केंद्र सरकार लगातार झूठ बोलने का काम करती आ रही है. बीजेपी ने प्रदेश और देश को बर्बादी पर ला खड़ा कर दिया है.
बता दें कि मंडी के धर्मपुर में जल शक्ति विभाग ने 42 लाख में 3 महंगी गाड़ियां खरीदी हैं. केंद्र सरकार से धर्मपुर में 'हर घर नल योजना' के तहत 121 करोड़ का बजट मिला है, जिससे ये गाड़िया खरीदी गई हैं. धर्मपुर से महेंद्र सिंह विधायक हैं, जोकि जयराम केबिनेट मंत्री है और जल शक्ति मंत्री है.