शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर वित्त विभाग हिमाचल में ओपीएस बहाली से जुड़ी अधिसूचना का खाका तैयार कर रहा है. इस बात के पुख्ता संकेत हैं कि हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2004 से ही ओपीएस का लाभ मिलेगा. साथ ही एनपीएस का विकल्प भी खुला रखा जाएगा. छत्तीसगढ़ सरकार की अधिसूचना जारी होने के बाद हिमाचल भी करीब-करीब वहीं के फार्मूले पर चलेगा. हालांकि सारी वस्तु स्थिति अधिसूचना जारी होने के बाद ही स्पष्ट होगी, लेकिन ये तय है कि हिमाचल के मॉडल पर छत्तीसगढ़ के ओपीएस मॉडल की छाप होगी.
बताया जा रहा है कि फरवरी से पहले सप्ताह में हिमाचल में ओपीएस की अधिसूचना जारी हो जाएगी. हिमाचल प्रदेश में 1.30 लाख से अधिक सरकारी कर्मियों को ओपीएस का लाभ मिलना है. अभी ये कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम के तहत हैं. ओपीएस की अधिसूचना जारी होने के बाद राज्य सरकार व कर्मचारी एनपीएस का अंशदान बंद कर देंगे. उससे एक बड़ी रकम की बचत होगी. फिलहाल, इस बिंदु पर मंथन चल रहा है कि क्या एनपीएस का विकल्प रखा जाए या नहीं. अभी तक के संकेत बता रहे हैं कि सरकार एनपीएस का विकल्प भी खुला रखना चाहती है. कारण ये है कि कुछ कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हें एनपीएस में रहते हुए अधिक लाभ होगा. ऐसे में जो कर्मचारी एनपीएस में ही रहना चाहते हैं, उन्हें विकल्प दिया जाएगा.
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में 13 जनवरी को हुई कैबिनेट की पहली बैठक में ओपीएस बहाल करने का फैसला लिया था. मौजूदा स्थिति ये है कि कैबिनेट के फैसले के बाद इस पर मुख्य सचिव कार्यालय ने वित्त विभाग को ऑफिस मेमोरेंडम जारी कर दिया है. अब वित्त विभाग कैबिनेट के फैसले के अनुसार एसओपी तैयार करने और फिर नोटिफिकेशन जारी करने की प्रक्रिया में जुट गया है. हिमाचल सरकार का वित्त विभाग अपनी नोटिफिकेशन से पहले का इंछत्तीसगढ़ सरकार की अधिसूचना का इंतजार कर रहा था.
छत्तीसगढ़ ने 2004 से कर्मियों के लिए ओपीएस लागू की है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में सरकार ने कर्मियों के लिए विकल्प खुला रखा है. वहीं, पहली अप्रैल 2022 के बाद सरकारी सेवा में आए सभी कर्मचारी ऑटोमेटिकली ओल्ड पेंशन के दायरे में आएंगे. वहां की सरकार ऐसे कर्मियों के लिए जीपीएफ एकाउंट खोलेगी. छत्तीसगढ़ सरकार के अनुसार नवंबर, 2004 से 31 मार्च 2022 तक नियुक्त कर्मचारियों को विकल्प चुनने का अवसर दिया जाएगा. उसके लिए कर्मचारियों को शपथपत्र भी देना होगा.
छत्तीसगढ़ का मॉडल देखने के बाद अब सुखविंदर सिंह सरकार को राज्य में जीपीएफ खाता खोलने की सुविधा का समय तय करना है. ये भी देखना होगा कि एनपीएस से ओपीएस में आने वाले ऐसे कर्मचारियों को राज्य सरकार द्वारा जमा किए गए एनपीएस कंट्रीब्यूशन, निकाली गई राशि और अर्जित लाभांश की सारी राशि राज्य सरकार में किस फार्मूले के आधार पर जमा करवानी पड़ेगी. अंशदान का यह पैसा सरेंडर करने की बाद ही इच्छुक कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन में लिया जाएगा.
वहीं, एक अन्य पहलू भी राज्य सरकार को देखना है. हिमाचल का एनपीएस में अंशदान 8000 करोड़ रुपए के करीब है. इसे लौटाने के लिए राज्य सरकार ने दूसरी बार केंद्र को पत्र लिखा है. पहली बार पत्र का जवाब राज्य सरकार को मिल गया था, जिसमें केंद्र ने ये पैसा लौटाने में शर्तों की बाधा बताई थी. अब केंद्र से दूसरे पत्र के जवाब का इंतजार है. ये महज कागज क्लियर करने की औपचारिकता है. राज्य सरकार ने एजी ऑफिस के अफसरों से भी चर्चा की है. एजी ऑफिस में ही जीपीएफ खाते खुलेंगे. वहां की औपचारिकताएं भी पूरा की जा रही हैं. हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व दिवस पर हमीरपुर में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार ने ओपीएस को लेकर अपना वादा पूरा किया है. अब सभी को इस बारे में नोटिफिकेशन जारी होने का इंतजार है.
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