शिमला: सेना प्रमुख ने शिमला में प्रशिक्षण कमान(आरट्रैक) का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने सामरिक-सैन्य भविष्य, सैद्धान्तिक सुधार, ऑपरेशनल चुनौतियों और तैयारियों, तकनीकी समावेश सहित कई मुद्दों पर चर्चा की.
सेनाध्यक्ष को भारतीय सेना में प्रशिक्षण को अधिक प्रभावी बनाने के लिए पेशेवर सैन्य शिक्षा (पीएमई) को वर्तमान चुनौतियों के प्रति अधिक समकालीन और उत्तरदायी बनाने के लिए उठाए गए कदमों से अवगत कराया गया. इसके बाद जनरल नरवणे ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से भी मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने गवर्नर हाउस में चिनार का पौधा भी रोपा.
सेना प्रमुख और आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (आवा) अध्यक्षा ने सिपाही अंकुश, सेना मेडल (मरणोपरांत) के परिजनों से बातचीत की और उन्हें सम्मानित किया. अंकुश ने जून 2020 में गलवान में हुई हिंसक झड़प में शहादत पाई थी.
दुश्मन की नापाक हरकत का जवाब देने के लिए सेना तैयार
शिमला दौरे के दौरान जनरल मुकुंद नरवणे ने कहा कि वह पहले शिमला में आरट्रैक में सेवाएं प्रदान कर चुके हैं. हिमाचल को अपना पुराना घर मानते हैं. यहां आकर उन्हें हमेशा खुशी मिलती है. भारतीय सेना दुश्मन की हर नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हमेशा तैयार है. उन्होंने कहा कि जहां तक चीन के साथ सीमा का सवाल है, इस विषय में बातचीत हो रही है और चिंता की कोई बात नहीं है. सेना पूरी तरह से सतर्क है और सीमा पर बड़े पैमाने पर पर्याप्त संख्या में सैनिक और मशीनरी तैनात की गई है. सेना ने सीमावर्ती इलाकों में सड़कों के निर्माण के लिए अगले 5 से 10 वर्षों के लिए योजना तैयार कर ली है.
नशे की समस्या पर जाहिर की चिंता
जनरल नरवणे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में नशे के आतंकवाद पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि स्थानीय स्तर पर प्रशासन इस दिशा में बेहतर काम कर रहा है. नरवणे ने कहा कि महिला अधिकारी पहले से ही सेना में सेवाएं प्रदान कर रही हैं. अब सेना पुलिस कोर में महिलाओं की भर्ती शुरू कर दी गई है.
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