शिमला: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद क्षतिग्रस्त हुई पेयजल परियोजनाओं को बहाल करने में जल शक्ति विभाग के कर्मचारी जुटे हुए हैं. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आईपीएच विभाग के कर्मचारी जान जोखिम में डालकर जनता को पानी उपलब्ध करवाने में जुटे हुए हैं. दिन-रात उफनती नदियों पर बनी पेयजल योजनाओं को बहाल करने की कोशिश की जा रही है. रविवार को 72 घंटों में जल शक्ति विभाग के हजारों कर्मचारियों ने दिन रात मेहनत कर 4630 जल परियोजनाओं को बहाल करने में कामयाबी हासिल की.
जान जोखिम में डाल काम कर रहे कर्मचारी: डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इन जल परियोजनाओं को हम आईपीएच के कर्मचारियों के फौलादी हौसलों की बदौलत बहाल कर पाए हैं. डिप्टी सीएम ने आईपीएच विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा कठिन परिस्थितियों में पेयजल व सीवरेज परियोजनाओं को बहाल करने के लिए उनके कार्यों की सराहना की है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से नदी नालों के बीच जाकर जान जोखिम में डालकर कर्मचारी फील्ड में काम कर रहे हैं, उससे मैं भावुक हूं. हिमाचल इन कर्मचारियों का सदैव ऋणी रहेगा, जो जान जोखिम में डालकर प्रदेश की जनता के लिए काम कर रहे हैं .
बारिश से IPH विभाग को 1411 करोड़ का नुकसान: डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में हुई तबाही से आईपीएच विभाग को 1411 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि विभाग लगातार फील्ड में जनता की सुविधा के लिए काम कर रहा है. अभी तक प्रदेश में 4623 जल परियोजनाएं बहाल की गई हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि इस त्रासदी में पेयजल परियोजनाओं को बहाल करना सबसे जरूरी है. रात के समय भी कर्मचारी टॉर्च और मोबाइल की लाइट की मदद से लगातार काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने विभाग के अधिकारियों को फील्ड में पूरी तरह शक्तियां दी गई हैं कि पानी की बहाली के लिए मशीनरी, उपकरण लेने सहित सभी कदम उठाए.
'पेयजल परियोजनाओं को ज्यादा नुकसान': डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि पेयजल व सीवरेज की योजनाएं जल्द चालू हो, ताकि लोगों को राहत मिले. पेयजल की ज्यादातर योजनाओं को नुकसान हुआ है, ऐसे में पेयजल योजनाओं को जल्द रिस्टोर करना अपने आप में एक चुनौती है. इसके लिए आईपीएच विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द हैं, रविवार को भी काम किया जा रहा है. जल शक्ति विभाग की 5203 पेयजल परियोजनाएं और 1237 सिंचाई परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. वहीं, 55 सीवरेज परियोजनाएं और 101 बाढ़ नियंत्रण के कार्यों को भी नुकसान पहुंचा है. जल्द से जल्द इन परियोजनाओं को ठीक कर बहाल करना हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि इस भयंकर विनाश में हर संभव काम फील्ड में किया जा रहा है.
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