शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून अबकी बार प्रदेश को गहरे जख्म दे गया है. मूसलाधार बारिश से जानमाल का भारी नुकसान हुआ है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में बरसात के मौसम में करीब 111 जानें गई हैं. यही नहीं सैंकड़ों परिवारों के आशियाने इस बारिश में उजड़ गए हैं. करीब 2700 आशियानों को बारिश ने नुकसान पहुंचाया है. बारिश में 600 से अधिक मवेशियों की जान गई है. भारी बारिश से प्रदेश में सड़कों, पेयजल परियोजनाओं, बिजली परियोजनाओं सहित फलों व फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. प्रदेश में अब तक 4356 करोड़ का नुकसान आंका गया है, यह आंकड़ा अभी और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
हिमाचल में अभी भी 681 सड़कें बंद:हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश से अबकी बार जान-माल का नुकसान हुआ है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश में मानसून की बारिश में सड़कों, पानी की परियोजनाओं, निजी संपत्तियों को अब तक 4356 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. पीडब्ल्यूडी को 1371 करोड़ के नुकसान की आशंका है. भारी बारिश से प्रदेश में सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई हैं, 40 से ज्यादा पुलों को बरसात में नुकसान पहुंचा है. पीडब्ल्यूडी सड़कों को खोलने के काम में जुटा हुआ है, लेकिन प्रदेश में अभी भी 681 सड़कें बंद हैं. सबसे ज्यादा 423 सड़कें शिमला जोन में बंद हैं. मंडी जोन में 197 सड़कें, हमीरपुर जोन में 31 सड़कें और कांगड़ा जोन में 28 सड़कें बंद हैं.
बरसात में गहराया पानी का संकट: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से जल शक्ति विभाग की पेयजल परियोजनाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. मिली जानकारी के अनुसार मानसून में कुल 6663 जल परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. जिनमें 5197 पेयजल परियोजनाएं हैं, जल शक्ति विभाग ने अभी तक 4226 पेयजल परियोजनाओं को बहाल कर दिया है, जबकि 971 पेयजल परियोजनाएं अभी भी बंद हैं. इससे प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पानी का संकट पैदा हो गया है. पेयजल के अलावा जल शक्ति विभाग की 1287 सिंचाई परियोजनाएं, 49 सीवरेज व 101 अन्य परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनको बहाल करने में अभी काफी समय लगने की संभावना है. जल शक्ति विभाग को अब तक 1371 करोड़ रुपए का नुकसान आंका गया है.