शिमला: कोरोना संकट काल में नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स में दस फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है. इसके चलते शहर के 30 हजार भवन मालिकों को समय के भीतर टैक्स जमा करवाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं. हालांकि निगम अप्रैल महीने से दस फीसदी टैक्स बढ़ा रहा था, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी नहीं की.
वहीं, जुलाई से टैक्स को दस फीसदी बढ़ाया गया है. अब शिमलावासियों को बढ़ाए गए दस फीसदी के साथ प्रोपर्टी टैक्स जमा करवाना होगा. इसके लिए लोग नगर निगम के कैश काउंटर के अलावा ऑनलाइन बिल जमा करवा सकते है.
प्रॉपर्टी टैक्स जमा होने से निगम की आर्थिक स्थिति भी सुधर जाएगी. वहीं, निगम इस बार डिफाल्टरों से भी रिकवरी करने के लिए सख्त कदम उठाने जा रहा है. शहर में 3300 भवन मालिक ऐसे हैं, जोकि कई सालों से निगम को प्रॉपर्टी टैक्स नहीं दे रहे है.
निगम ने कई बार ऐसे लोगों को नोटिस भी जारी किया. इसके बावजूद भी लोग टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं. वहीं, अब निगम इन भवन मालिकों से रिकवरी के लिए सख्त कदम उठाने जा रहा है.
नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि अप्रैल में प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाना तय था, लेकिन कोरोना के चलते नहीं बढ़ाया गया. अब दस फीसदी के साथ प्रॉपर्टी टैक्स के बिल जारी किए है. उन्होंने कहा कि नगर निगम के आय के साधन बहुत कम है और प्रॉपर्टी टैक्स से ही आमदनी होती है, जबकि खर्चे बहुत हैं. प्रॉपर्टी टैक्स आने से निगम की आर्थिक स्तिथि भी सुधर जाएगी.
बता दें कि शिमला नगर निगम की आमदनी का मुख्य स्रोत प्रॉपर्टी टैक्स है. निगम से पहले ही सरकार ने वन और पानी वितरण ले लिया है. ऐसे में निगम को प्रॉपर्टी टैक्स से ही आय होती है. निगम हर तीन साल बाद प्रॉपर्टी टैक्स में दस फीसदी बढ़ोतरी करता है.
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